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बैंक एकाउंट में वॉयस स्कैम से सेंध लगा रहे बदमाश

भोपाल। डिजिटल जमाने में ठगी करने का अंदाज भी बदल गए हैं। नए-नए तरीकों से साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठग रहे हैं। कभी मालवेयर के जरिए तो कभी नकली बैंक कर्मचारी बनकर भोले-भाले लोगों को फंसाया जा रहा है। ऐसा ही एक नया तरीका है वॉयस स्कैम...

वॉयस स्कैम को ऐसे समझें
कोलार के 60 वर्षीय अनुराग सिन्हा के पास फोन आया। आवाज बेटे के पास बेंगलुरु गई पत्नी की थी। इलाज के लिए एक अस्पताल के बैंक अकाउंट में पति से 1.5 लाख रुपए तत्काल मांगे गए। सिन्हा ने भी बिना पूछताछ किए तुरंत बताए गए एकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर दिए। बाद में पता चला वे वॉयस नोट के शिकार हो गए हैं। आवाज की आड़ में हाल के दिनों में ठगी के मामले काफी बढ़ गए हैं।

क्या है वॉयस मेल स्कैम ?
इसमें फेक मैसेज की तरह स्पैम फोल्डर में फेक मेल आते हैं। इस फेक लिंक पर क्लिक करते ही ये फिशिंग साइट पर ले जाते हैं। इसके बाद मेल से जुड़े बैंक खातों तक पहुंचकर बदमाश बैंक खाता खाली कर देते हैं। इसके साथ ही एआइ की मदद से किसी खास परिचित की आवाज निकाली जाती है। इससे व्यक्ति वास्तविक और नकली आवाज में अंतर नहीं कर पाता है और स्कैम का शिकार हो जाता है।

बचने के लिए क्या करें ?
स्कैम से बचने के लिए कई प्लेटफॉर्म और सेवाओं के लिए समान लॉगिन क्रेडेंशियल्स का उपयोग न करें। एक ही पासवर्ड को लंबी अवधि के लिए न रखें और न ही विभिन्न प्लेटफॉर्म और सेवाओं के लिए इस्तेमाल करें। नजदीकी दोस्त या रिश्तेदार फोन पर पैसे मांगे तो पूरी तरह तहकीकात करें।

सोशल मीडिया पर वॉयस न करें शेयर
फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी आवाज शेयर करने से बचें। यहां से शातिर ठग आवाज का नमूना लेकर एआइ के जरिए गलत आवाज बना सकते हैं।

सेफ से ही सेफ
साइबर अपराध से बचने के लिए सेफ तकनीक का सहारा लें। सेफ का मतलब ऐसे समझें। एस यानी शुरुआत में ही जागरूक रहें। ए यानी एथेंसिटी चेक। मतलब मैसेज की सत्यता को परखें। एफ के मायने हैं फीयर एंड ग्रीड मैनेजमेंट फंडा। कहने का तात्यर्य यह है कि डर व लालच से दूर रहें। ई का मतलब है इफेक्टिव रिपोर्टिंग। मतलब सही समय पर पुलिस को सही सूचना देकर खुद को सुरक्षित रखने का प्रयास करें।

यह भी जानिए
83 प्रतिशत लोग हाल के दिनों में हुए वॉयस स्कैम के शिकार हुए
48 प्रतिशत लोग वॉयस स्कैम के जरिए कम से कम 5000 हजार गंवाए
03 सेकंड की ऑडियो से एआइ किसी भी व्यक्ति की आवाज निकाल सकता है
69 प्रतिशत लोग एआइ की आवाज और वास्तविक आवाज में अंतर नहीं कर पाते
(जैसा पूनम सिन्हा, साइबर एक्सपर्ट और हेड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, बीयू भोपाल ने बताया)

साइबर फ्रॉड होने पर इन नंबरों पर दें सूचना
साइबर फ्रॉड होने पर आप राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें। भोपाल निवासी होने पर मोबाइल नंबर 9479990636 पर कॉल कर सकते हैं।



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