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12 एकड़ के विशाल हरिहर तीर्थ धाम में बनेंगे चारों धाम और बारह ज्योतिर्लिंग

भोपाल. एमपी के कटनी के विजयराघवगढ़ में विशाल हरिहर तीर्थ धाम आकार लेगा। महानदी और कटनी के संगम पर राम राजा पहाड़ पर श्री हरिहर तीर्थ का निर्माण होगा। 12 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका भूमिपूजन करेंगे।

विजयराघवगढ़ से विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने बताया कि 12 एकड़ में तीर्थ निर्माण का काम दो साल में पूरा हो जाएगा। शुरुआत में 10 करोड़ का बजट है हालांकि तीर्थ निर्माण पर ज्यादा राशि खर्च होगी। यहां भगवान परशुराम की विश्व की सबसे बड़ी 108 फीट की अष्ट धातु की प्रतिमा स्थापित होगी। खास बात यह है कि हरिहर तीर्थ में चारों धाम के साथ दुनियाभर के प्रमुख मंदिरों और देवी देवताओं के दर्शन किए जा सकेंगे।

गौरतलब है कि विधायक संजय पाठक ने हरिहर तीर्थ के निर्माण का संकल्प लिया है। यहां चार धाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप, भगवान परशुराम की 108 फिट की अष्टधातु की प्रतिमा, नदी किनारे निषादराज की धातु की प्रतिमा की स्थापना, शबरी माता का मंदिर, भव्य राम मंदिर, नौ देवियों की मूर्ति स्थापना सहित देश विदेश के सभी प्रमुख देवालयों को एक ही स्थान विकसित किया जा रहा है।

राम कथा सुनाएंगे जगतगुरु राम भद्राचार्य
हरिहर तीर्थ निर्माण के लिए भूमिपूजन 12 जून को होगा। जगत गुरु स्वामी राम भद्राचार्य, स्वामी अवधेशानंद गिरि, प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी सहित कई पीठों के पीठाधीश्वर और संत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। भूमिपूजन से पूर्व 51 हजार कलशों के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी।

भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद एक सप्ताह तक अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। जगतगुरु राम भद्राचार्य राम कथा सुनाएंगे। इस आयोजन के लिए सर्व सुविधा युक्त विशाल पंडाल बनाया गया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आएंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर, महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरी, जितेंन्द्रानंद सरस्वती, राजेश्वरानंद, साध्वी ऋतंभरा भी यहां आएंगी।

13 जून को सांस्कृतिक धर्मसभा
13 जून को सांस्कृतिक धर्मसभा होगी जिसमें संतों के बीच शास्त्रार्थ होगा। अभिनेता आशुतोष राणा इस धर्मसभा का संचालन करेंगे। विधायक पाठक ने बताया कि उनके मन में अचानक यह बात आई तो उन्होंने संतों और अन्य लोगों से चर्चा की। इसके बाद इस परिकल्पना को साकार करने का कदम उठाया।

तीर्थ स्थल से बाणसागर बांध तक क्रूज का संचालन
तीर्थ स्थल पर अनेक अन्य काम होंगे। यहां 500 मीटर रिवर फ्रंट एवं घाट बनेगा। लाइट एंड साउंड शो होगा। खास बात यह है कि तीर्थ स्थल से बाणसागर बांध तक क्रूज चलाने की भी योजना है। धर्मशाला, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना, संस्कृत पाठशाला एवं छात्रावास, काशी की तर्ज पर कर्मकांड के लिए वेद विद्यालय भी बनेगा।



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