सवधन ! वटरफल एव डम और पकनक सपट जए त सतरक रह जनलव ह सकत ह आपक 1 गलत
भोपाल। बारिश के मौसम में शहर एवं आसपास के जिलों की आउटर सीमा पर बने वाटरफॉल एवं डैम पर लोगों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई है। यहां सुरक्षा के इंतजाम नदारद हैं और लोग खतरनाक तरीके से गहराई वाले हिस्से में जाकर मौज मस्ती कर रहे हैं। भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम से सटे पिकनिक स्पॉट भगवान भरोसे हैं। यदि आप परिजनों के साथ इन इलाकों में जा रहे हैं तो सुरक्षा की पूरी ताकीद कर लें एवं इमरजेंसी बेकअप तैयार करने के बाद ही घर से निकलें। पिछले साल अशोका गार्डन के तीन युवक रायसेन के मिनी पचमढ़ी वाटरफॉल में डूबकर अकाल मृत्यु का शिकार हुए थे। एक बार फिर भोपाल एवं आसपास के स्पॉट पर उमड़ रही भीड़ से हादसे की आशंका बनी हुई है।
जानलेवा हो सकती है मदद में होने वाली देरी
राहत एवं बचाव कार्य में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी निभाने वाले एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ का हैडक्वार्टर भोपाल में बनाया गया है। किसी भी आपदा की स्थिति में बचाव कार्य के लिए हेड क्वार्टर से अमले को रवाना किया जाता है। इस स्थिति में यदि शहर से दूर किसी पिकनिक स्पॉट पर हादसा होता है तो लोगों को बचाने में लगने वाली देर जानलेवा साबित होगी।
इन स्थलों पर भीड़
पर्यटन स्थल कोलार डैम, केरवा जलप्रपात, कलियासोत डैम, मिनी पचमढ़ी सलामतपुर, दोहटा जलप्रपात, सतकुंडा की हरीभरी पहाडिय़ां औबेदुल्लागंज, अमरावद डैम सागर रोड, बेतवा कुंड भोजपुर, हलाली डैम, रायसेन का ऐतिहासिक किला पहाड़ी, बारना डैम बाड़ी, चिडिय़ाटोल खरबई, महादेव पानी गुफा के झरने, सांची के बौद्ध स्तूप, सीतातलाई झरना बाइपास आदि जगहों पर ऊंचे झरनों के मनोरम दृश्यों की हरियाली देखने हर रविवार हजारों की तादात में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी हैं।
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