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50 सल म सबस गरम ह गय जन अधकतम तपमन म आध डगर बढ

जून में 10 सालों में अधिकतम तापमान
1 जून 2013 42.6
7 जून 2014 45.3
1 जून 2015 45.4
6 जून 2016 44
4 जून 2017 44.2
6 जून 2018 42.8
8 जून 2019 45.9
1 जून 2020 40.6
2 जून 2021 40
6 जून 2022 43.3
प्रवीण सावरकर
जून में एक पखवाड़े से अधिक समय बीत चुका है। गर्मी और उमस से लोग परेशान हैं। एक सप्ताह बाद मानसून आने की संभावना है तब तक ऐसे ही मौसम रहेगा। हालांकि, इन दिनों बिपरजॉय ने थोड़ी राहत दी है। बादल और बौछारों से गर्मी का उतना प्रकोप नहीं है। जबकि, पिछले 60 सालों के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले दस सालों में जून का महीना काफी गर्म रहा है। वर्ष 2019 में जून में सर्वाधिक तापमान 45.9 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था।
्रसाढ़े चार डिग्री गिरा पारा
शहर में सोमवार को सुबह से ही मौसम सुहाना रहा। आसमान में बादल छाए रहे। इससे तापमान में लगभग साढ़े चार डिग्री की गिरावट आई। अधिकतम तापमान 34.2 और न्यूनतम 28 डिग्री रहा। शहर में अधिकतम तापमान 45 दिन बाद 34 डिग्री पर पहुंचा। इसके पहले 5 मई को अधिकतम तापमान 34 डिग्री था।
ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहा तापमान
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है कि जून में औसत तापमान में बढ़ोतरी हुई है। अगर पिछले 50-60 सालों की बात करें तो जून का औसत तापमान लगभग आधा डिग्री से भी अधिक बढ़ा है। वर्ष 2000 के पहले आमतौर पर जून माह में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के आसपास रहता था, लेकिन पिछले दस सालों के ही रिकॉर्ड देखे तो कई बार तापमान 45 डिग्री के पार चला गया। इसका कारण लगातार बढ़ती आबादी, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग है।
बिपरजॉय के कारण लो प्रेशर
मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि इस समय बिपरजॉय के कारण राजस्थान में लो प्रेशर बना है। इसके चलते अगले एक दो दिन हल्के बादल, बौछारों की स्थिति बन सकती है। मानसून अभी रत्नागिरी, रामचूर, कवाली, श्रीनिकेतन, दुमका में है। अगले दो तीन दिनों में झारखंड, बिहार, पूर्वी उप्र में आने की संभावना है। इस तरह 24-25 के आसपास यह दस्तक दे सकता है।



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