मास्टर प्लान....पत्रिका की मुहिम ने शहर को दी दिशा - Web India Live

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मास्टर प्लान....पत्रिका की मुहिम ने शहर को दी दिशा

भोपाल . मास्टर प्लान और उसकी विसंगतियों को सामने लाने के लिए पत्रिका द्वारा चलाए गए खबरों के अभियान के बाद आखिरकार सरकार ने संशोधित प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसमें पत्रिका द्वारा उजागर की गई अधिकांश विसंगतियों को शहरहित में दूर कर दिया गया है। इसकी शहर के जागरूक नागरिक सराहना कर रहे हैं। मास्टर प्लान अगले डेढ़ माह में अंतिम स्वरूप के साथ लागू हो सकता है और यहीं से शहर अपनी नई विकास यात्रा को आगे बढ़ाएगा। शहर के प्रमुख लोगों का कहना है कि जिस शिद्दत के साथ पत्रिका ने मास्टर प्लान को शहरहित में लाने के लिए खबरें प्रकाशित की, उसका ही असर है कि तालाब किनारे सड़क से लेकर टाउनशिप के बड़े प्रस्ताव रद्द हुए। वनक्षेत्र में ग्रीन भूमि को बहाल किया गया।

इनका कहना

मास्टर प्लान भोपाल का सबसे लंबा मुद्दा रहा है। बीते सालों में जिस तरह पत्रिका ने मास्टर प्लान को शहर हित में जल्दी लाने की मुहिम छेड़ी वह तारीफ के काबिल है। तालाब और जंगल संबंधी जो संशोधन हुए, उसमें पत्रिका की मुहिम का असर साफ नजर आ रहा है।

- वीके चतुर्वेदी, रिटायर्ड एडीएम

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शहर की प्राकृतिक संरचनाओं को बचाने के साथ ही जनसुविधाओं वाले मास्टर प्लान के लिए पत्रिका ने काफी काम किया। हमने इसे देखा है। लगातार खबरों का ही असर है कि प्लान अब आने वाला है और शहरहित में लग रहा है।

- अब्दुल मजीद, अध्यक्ष, स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन

पत्रिका समाचार पत्र ने लगातार भोपाल के मास्टर प्लान को लेकर खबरें प्रकाशित की हैं। खासतौर पर आवासीय में कमर्शियल एक्टिविटीज संबंधी खबरें केवल पत्रिका में ही छपी। कुछ मुद्दों पर तो पत्रिका ने जन जागरूकता और अफसरों को जाग्रत करते हुए भी खबरें लिखी हैं। अब भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जारी हो गया है। इसके लागू होने के बाद शहर में बहुत विकास देखने को मिलेगा।
- जीतेंद्र सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेंट

पर्यावरण और तालाब आदि बचाने के लिए सबसे ज्यादा कलम पत्रिका ही चलाता है। भोपाल के नए मास्टर प्लान में किए गए संशोधन पर्यावरण व शहर को स्वस्थ भविष्य देने में कारगर होंगे। पत्रिका पर्यावरण के मुद्दों पर लगातार सवाल पूछता रहा है। जिससे लोग व जिम्मेदार जागरूक हुए। इसके लिए पत्रिका बधाई का पात्र है।

-डॉ. पंकज शुक्ला, पूर्व संचालक, स्वास्थ्य

पत्रिका जनहित के मुद्दे सबसे ज्यादा उठाता है। मुझे याद आ रहा है कि पत्रिका ने जब इस मास्टर प्लान का ड्राफ्ट आया था तभी इसकी विसंगतियों को लेकर लंबा अभियान चलाया था। इस प्लान में संशोधन का श्रेय सरकार के साथ पत्रिका को भी जाता है।

- रामबाबू शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, भेल व्यापारी महासंघ

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अखबार जब आम आदमी की आवाज बनता है तो शासन-प्रशासन में सुनवाई होती है। पत्रिका समय-समय पर जनता के मुद्दों को उठाता है। बैरागढ़ में तालाब के कैचमेंट का मुद्दा सबसे ज्यादा पत्रिका ने उठाया है। उम्मीद है आगे भी पत्रिका हमारी आवाज बनता रहेगा।
- कन्हैयालाल इसरानी, अध्यक्ष

थोक कपड़ा व्यापारी संघ संतनगर

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सामाजिक सरोकार के मुद्दों को उठाने में पत्रिका का कोई सानी नहीं है। शहर के मास्टर प्लान में लैंड यूज, अवैध मैरिज गार्डन, अतिक्रमण आदि मुद्दे पत्रिका ने ही सबसे ज्यादा उठाए। मुद्दे वाली पत्रकारिता के लिए पत्रिका साधुवाद का पात्र है।

माधु चांदवानी, महासचिव
पूज्य सिंधी पंचायत संतनगर

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शहर की जनता को लाभ मिलेगा

भोपाल के मास्टर प्लान को लागू करवाने और मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार करवाने क लिए पत्रिका लगातार अभियान चलाता रहा है। शहर के इस प्रमुख मुद्दे को उठाकर जनता की आवाज उठाने का कार्य कर रहा है। निश्चित तौर पर आने वाले समय में शहर की जनता को इसका लाभ मिलेगा।

रमेश राठौर, महामंत्री,राठौर क्षत्रिय समाज न्यू भोपाल
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पत्रिका की सराहनीय पहल

बरसों से लंबित पड़े भोपाल के मास्टर प्लान के लिए पत्रिका द्वारा की गई पहल अति सराहनीय है । अगर अखबार आम व्यक्ति से जुड़े इसी तरीके के मुद्दों को उठाकर कार्य करता है सही मायने में आम व्यक्ति को भी फायदा होता है और सरकार की भी आंखें खुलती हैं।

- प्रमोद नेमा, सचिव बृजमोहन रामकली गौसंरक्षण केंद्र



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