haj yatra: मक्का की गलियों में खो गई गुना की रईसा, खोजने में रही मशक्कत, पहुंचाया रिहाइश तक
प्रदेश के हाजियों का मक्का पहुंचने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार की रात गुना से हज सफर पर पहुंचीं रईसा खानम अपनों से बिछड़ गईं। वे हरम शरीफ की जियारत के लिए अपने मेहरम के साथ पहुंचीं थीं। रात 4.05 बजे के आसपास जब वे अपनी बिल्डिंग में वापसी के लिए चलीं तो भूल से किसी दूसरी बस में बैठ गईं। जब वे अपने ठिकाने पर नहीं पहुंचीं तो उनकी तलाश शुरू हुई। इस गुमशुदगी की खबर मप्र के स्टेट हज को ऑर्डिनेटर शाकिर अली जाफरी को को दी गई। जिसके बाद उन्होंने को ऑर्डिनेशन कमेटी को अलर्ट किया। सारी रात की मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें तलाश कर लिया गया और सलामती के साथ उनके मेहरम के पास उनकी बिल्डिंग तक पहुंचा दिया गया। अजीजिया की बिल्डिंग नंबर 293 में वे ठहरी हैं।
चौथी फ्लाइट से 160 यात्री रवाना
भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट से शनिवार सुबह हज की चौथी उड़ान रवाना हई। स्पाइट जेट की उड़ान संख्या एसजी 5210 से 160 यात्री रवाना हुए हैं। इंदौर से भी हज उड़ान का सिलसिला जारी है।
खिदमत के लिए मौजूद एम्बेसेडर तक
प्रदेश के हाजियों के लिए इस बार खास यह है कि उनकी सुविधाओं और राहत पर निगरानी रखने के लिए सउदी अरब में पदस्थ भारतीय राजदूत मप्र से ही ताल्लुक रखते हैं। 1997 बैच के आईएफएस डाॅ. सौहेल खान मूलतः इंदौर के रहने वाले हैं। पूर्वमें लैबनान में भारतीय राजदूत रहे हैं। जनवरी 2023 में उन्होंने किंगडम ऑफ सउदी अरबिया में आमद दी है।
इधर केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पहुंची भोपाल मूल की निवासी आईएएस अधिकारी डाॅ. रूही खान भी इन दिनों हज मिशन पर सउदी अरब में मौजूद हैं और प्रदेश के हाजियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिशों में जुटी हुई हैं।
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