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महिलाओं की कमर को जकड़ रहा साड़ी कैंसर

भोपाल. साढ़े पांच से छह मीटर लंबी साड़ी पूरी दुनिया में पसंद किया जाने वाला सबसे खूबसूरत परिधान है। लेकिन, यह साड़ी कैंसर का कारण भी बन सकती है। और सिर्फ साड़ी ही क्यों। कोई अन्य कपड़ा जिसे हम अपने शरीर पर गलत तरीके से पहनते हैं वे कैंसर का कारण बन सकते हैं। पेटीकोट की ही तरह गांवों में अधिकतर पुरुष कमर पर डोरी से कसने वाला अंडरबियर पहनते हैं। इससे भी कैंसर हो सकता है। इस बात का खुलासा हाल ही कुछ रिसर्च में हुआ है।

भारत में ही साड़ी कैंसर, क्योंकि...
साड़ी कैंसर शब्द का इजाद भारत में हुआ है। क्योंकि भारत में सबसे ज्यादा महिलाओं द्वारा पहने जाना वाला यह परिधान है। यहां महिलाएं साल के 12 महीनों और सप्ताह के सातों दिन साड़ी पहनती हैं। साड़ी को बांधने के लिए सूती पेटीकोट को सूती धागे से कमर के चारों ओर कसकर बांधती हैं। एक ही कपड़ा लंबे समय तक एक जैसे पोजीशन में पहनने पर कमर पर रगड़ लगने लगती है। वहां की त्वचा छिलने लगती है। अमूमन यह जगहकाली पड़ जाती है। बार-बार छिलने और मरम्मत के इस चक्र में ही कई बार कैंसर की शुरुआत हो सकती है।

एमपी, बिहार में ज्यादा खतरा
साड़ी कैंसर के लिए कुछ हद तक साफ-सफाई भी जिम्मेदार है। मप्र, यूपी और बिहार जैसे इलाकों में अधिक गर्मी और नमी होती है। पसीने और भीगने की वजह से कमर का हिस्सा अधिकतर गीला हो जाता है। इससे त्वचा कमजोर हो जाती है। ऐसे में इस हिस्से में त्वचा कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

स्किन से शरीर में फैलता है कैंसर
सफाई और सर्द-गर्म मौसम का ख्याल न रखने के कारण त्वचा कोशिकाओं का कार्सिनोमा हो जाता है। मेडिकल भाषा में इसे स्क्ैमस सेल कार्सिनोमा (एससीसी) कहते हैं। हालांकि महिलाओं में इस तरह का महज एक प्रतिशत ही कैंसर होता है। जो कमर की त्चचा के जरिए शरीर में पहुंचता है।

कांगड़ी कैंसर
कश्मीर में कांगड़ी कैंसर के रोगी मिलते हैं। यह भी त्वचा कैंसर है। जो अत्यधिक ठंड के कारण कपड़ों के अंदर अंगीठी तापने से होता है। इससे पेट और जांघों को लगातार गर्मी मिलने से यह कैंसर पनपता है।

पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर
पुरुषों में बहुत टाइट फिट जींस पहनने पर टेस्टिकुलर कैंसर हो जाता है। बहुत ज्यादा टाइट कपड़े घंटों तक पहनने से शरीर के खास हिस्सों तक सतत ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है। वैसे भी जींस पुरुषों में पेट के निचले हिस्से का तापमान बढ़ा देती है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है और टेस्टिकुलर कैंसर (डिम्बग्रंथि कैंसर) भी हो सकता है।

क्या है बचाव
मुंबई के आरएन कूपर अस्पताल में साड़ी कैंसर पर हुए शोध में पाया गया है कि ज्यादा टाइट कपड़े लगातार पहनने से यह कैंसर होता है। इसलिए यदि त्वचा पर निशान हैं, जकडऩ के कारण त्वचा लाल हो रही है। रगड़ी हुई त्वचा है और सांस लेने में परेशानी हो रही है तो जांच की जरूरत है। टाइट कपड़े न पहनें। इनरवियर जैसे ब्रा और अंडरवियर भी बहुत टाइट हैं तो जरूर ध्यान दें। जिम के लिए पहनने वाले टाइट कपड़े भी परेशानी पैदा कर सकते हैं। इसलिए इनसे बचें।

एम्स व हमीदिया में आए कैंसर रोगी
साल - ओपीडी के आंकड़े
2021 - 12,389
2022 - 27,923
2023 - 48,502
कई बार सिंथेटिक फाइबर या अन्य से बने कपड़ों को पहनने से समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा टाइट कपड़ों की वजह से त्वचा को शुद्ध हवा नहीं मिलती है। जिससे वो क्षेत्र त्वचा प्रभावित होता है। ऐसे में स्किन से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
-डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव, एमडी मेडिसिन



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