सीबीआई: परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सहित सात लोगों को क्लीन चिट
भोपाल. परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले के मामले
में सीबीआई ने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओमप्रकाश
शुक्ला, आईजी स्टाम्प इंद्रजीत कुमार जैन, तरंग शर्मा, भरत मिश्रा, मोहन
सिंह ठाकुर, सुरेंद्र कुमार पटेल, संतोष सिंह उर्फ राजा तोमर को क्लीन चिट
दे दी है।
शनिवार को सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में पेश चालान
में लिखा है कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने से इनके खिलाफ
चालान पेश नहीं किया जा रहा। परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सीबीआई
की यह फाइनल चार्जशीट है। शनिवार को सीबीआई ने 26 आरोपियों के खिलाफ 78
पेज का चालान पेश किया है। इनमें दो आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी
है। इस मामले में एक आरोपी अनुराग सागर ने शनिवार को अदालत में सरेंडर
किया। अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिये सोमवार की तारीख तय करते हुए
अनुराग को जेल भेजने के आदेश दिये।
हार्ड डिस्क में था बिचौलियों का जिक्र
सीबीआई ने चार्जशीट में यह भी खुलासा किया कि नितिन मोहिंद्रा के
कार्यालय के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में मौजूद फाइल के अंतिम कॉलम में कुछ
नाम लिखे थे। जैसे जैन, टीएआर, सीकेएम, कोन, बीएम, पीआर और एसकेपी। इन
उम्मीदवारों को प्रायोजित करने वाले बिचौलियों के संक्षिप्त रूप का उल्लेख
किया गया था। जांच से पता चला है कि यह संक्षिप्त विवरण 6 कथित बिचौलियों
के संबंध में था। इन 18 उम्मीदवारों के अवैध चयन में इंद्रजीत जैन, तरंग
शर्मा, सीके मिश्रा, पंकज त्रिवेदी, भरत मिश्रा, प्रदीप रघुवंशी और
सुरेंद्र कुमार पटेल शामिल हैं। जांच में इनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं
मिले।
ओएमआर शीट और डेटा से नहीं हुई छेड़छाड़
सीबीआई को एफआईआर में दर्ज बिचौलियों की जांच में पता चला कि मोहन सिंह
ठाकुर, संतोष गुप्ता, विक्रम रघुवंशी, संतोष सिंह उर्फ राजा तोमर ने
उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं और इलेक्ट्रॉनिक डेटा में छेड़छाड़
नहीं की। ये भी पता चला कि पंकज त्रिवेदी और अजय कुमार सेन को पहले ही
एसटीएफ द्वारा इन 18 आरोपी उम्मीदवारों के अवैध चयन के मामले में आरोप-पत्र
सौंपा जा चुका है, जिनके मामले में ओएमआर उत्तर पुस्तिका और इलेक्ट्रॉनिक
डेटा में छेड़छाड़ पाई गई थी। इसलिए उनके खिलाफ चालान पेश किया जा रहा है।
कोर्ट से बरी होने की औपचारिकता शेष
सीबीआई की यह फाइनल चार्जशीट है। मामले पर अब अदालत को ही संज्ञान लेना
है। कानून के जानकारों की मानें तो सीबीआई की चार्जशीट में क्लीन चिट मिलने
के बाद ऐसी स्थिति में आरोपियों के न्यायालय से बरी होने की औपचारिकता महज
बाकी है।
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