बजट : 5 लाख तक की कर योग्य आय पर टैक्स नहीं, इससे ज्यादा आय वालों को राहत नहीं; किसानों को सालाना 6000 रु मिलेंगे
दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने किसान, मध्यम वर्ग और कामगारों का पूरा ख्याल रखा। बीमार चल रहे अरुण जेटली की जगह वित्त मंत्रालय का काम देख रहे पीयूष गोयल ने बजट पेश किया। 5 लाख रुपए तक की करयोग्य आय टैक्स फ्री कर दी गई है। इससे ज्यादा की टैक्सेबल इनकम पर पहले की तरह स्लैब लागू रहेगा। छोटे किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपए सीधे खाते में दिए जाएंगे। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 3 हजार की पेंशन स्कीम और 21 हजार की कमाई वालों को 7 हजार बोनस देने का ऐलान किया गया।
लोकसभा चुनाव की वजह से इस बार अंतरिम बजट (वोट ऑन अकाउंट) पेश किया गया। इसमें नए वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीने के खर्च के लिए संसद से मंजूरी ली गई। 1948 से चुनावी साल में अंतरिम बजट की परंपरा जारी है। लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। आर्थिक सर्वेक्षण भी जुलाई में ही पेश किया जाएगा।
अंतरिम बजट केवल ट्रेलर: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "असंगठित क्षेत्र के मजदूर, ठेले चलाने वाले, घरेलू सहायकों की कभी चिंता नहीं की गई। उन्हें उनके नसीब पर छोड़ दिया गया। इनकी संख्या करीब 40 से 42 करोड़ है। इनके लिए हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना लाई है। प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जिनके पास पांच एकड़ या उससे कम जमीन है। यह अंतरिम बजट केवल इस बात का ट्रेलर है कि लोकसभा चुनावों के बाद भारत किस तरह खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।"
17 रु. रोजाना की मदद किसानों का अपमान: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- सरकार 15 लोगों के 3.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसानों को सिर्फ 17 रुपए प्रतिदिन की मदद का ऐलान किया है। यह उनकी बेइज्जती नहीं तो और क्या है? प्रधानमंत्री पर राफेल, बेरोजगारी और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर सर्जिकल स्ट्राइक होगी, क्योंकि अगले चुनाव इन्हीं मुद्दों पर लड़े जाने हैं।
किसान: खातों में आएंगे 6 हजार सालाना
5 एकड़ तक की खेती योग्य जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपए दिए जाएंगे।
रकम 2-2 हजार की तीन किश्तों मेें किसानों के खाते मेें आएगी। पहली किश्त मार्च से पहले दी जाएगी।
12 करोड़ किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। इस योजना से सरकार पर सालाना 75 हजार करोड़ का खर्च आएगा।
पशु पालन-मत्स्य पालन करने वाले किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से लिए गए कर्ज पर ब्याज में 2% की छूट दी जाएगी।
आपदा की स्थिति में जहां एनडीआरएफ की तैनाती होगी, वहां सभी किसानों को फसल ऋण पर ब्याज में 2% की छूट मिलेगी।
कर्ज री-शेड्यूल होने के बाद समय पर कर्ज लौटाने पर ब्याज में 3% की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह 5% की छूट मिल सकेगी।
इनकम टैक्स
बजट में इनकम टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है। यह छूट 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम पर लागू होगी।
5 लाख से ऊपर टैक्सेबल इनकम वालों को कोई राहत नहीं दी गई। उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला कि मुख्य बजट में उन्हें राहत देने पर विचार किया जाएगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 हजार रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया
लेकिन शर्तें लागू...
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में साफ कहा- "'टैक्स में बदलाव के प्रावधान नई सरकार ही लागू करेगी। नए वित्त वर्ष की शुरुआत में करदाताओं के लिए टैक्स रेट और छूट स्पष्ट हों, इसलिए मैं कर प्रस्ताव रख रहा हूं।"
(अप्रैल-मई से चुनाव होंगे। इसलिए, अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में पुराने स्लैब ही बने रहेंगे।)
किराए और ब्याज से आमदनी पर भी छूट बढ़ी
बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर ब्याज से आय पर टीडीएस में छूट 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी गई है।
किराए से आमदनी पर टीडीएस में छूट 1.80 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपए कर दी गई है।
दो करोड़ रुपए तक के कैपिटल गेन पर निवेश की सीमा एक घर से बढ़ाकर दो घर की गई। यह छूट जीवन में एक बार मिलेगी।
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में अगर घर बुक करा रहे हैं तो उसके ब्याज पर मिलने वाली छूट 31 मार्च 2020 तक बढ़ाई गई।
घर : नोशनल रेंट से जुड़े दो ऐलान
अगर आपके पास दो घर हैं तो दूसरे घर के नोशनल रेंट पर लगने वाला टैक्स अब नहीं देना होगा।
नोशनल रेंट यानी सरकार यह मानती थी कि दूसरे घर से आपको किराए के रूप में आमदनी हो रही है। ऐसे घर पर सरकारी दरों के अनुसार किराया कैलकुलेट कर उस पर टैक्स लगता था।
सरकार ने बिल्डरों को भी राहत दी है। अगर घर नहीं बिक पाते हैं तो सरकार यह मानती है कि उन पर किराए से आमदनी हो रही है और सरकारी दरों से कैलकुलेट होने वाले उस किराए पर टैक्स लगता है।
पहले प्रोजेक्ट पूरा होने के एक साल बाद से ही ऐसे घरों पर नोशनल रेंट निकालकर टैक्स वसूला जाता था। अब यह सीमा बढ़ाकर दो साल कर दी गई है।
पेंशन: 10 करोड़ लोगों को साधने की कोशिश
असंगठित क्षेत्रों के कर्मियों को 60 साल के बाद हर महीने 3 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। हर महीने 100 रुपए का योगदान देना होगा।
21 हजार रुपए महीना कमाने वालों को 7000 रुपए का बोनस मिलेगा। पहले 10 हजार रुपए महीना कमाने वालों को 3500 रुपए का बोनस मिलता था।
ईपीएफओ किसी श्रमिक की मौत होने पर परिजनों को 2.5 लाख रुपए की जगह 6 लाख रुपए देगा।
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