बच्चों के पहचान लेने की बात पर हां ​कहते ही हाथ-पैर बांधकर यमुना में फेंका - Web India Live

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बच्चों के पहचान लेने की बात पर हां ​कहते ही हाथ-पैर बांधकर यमुना में फेंका


भोपाल/सतना। चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल से 12 फरवरी को अपहृत जुड़वां भाइयों प्रियांश और श्रेयांश के शव शनिवार देर रात बांदा जिले के पास यमुना नदी से बरामद हुए। पहचान उजागर होने के डर से अपहर्ताओं ने दोनों की हत्या कर दी थी। आरोपियों ने बच्चों को छोडऩे के लिए 2 करोड़ की फिरौती मांगी थी।
परिजनों ने 20 लाख रुपए दे भी दिए थे। पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों समेत छह युवकों को गिरफ्तार किया है। सभी को दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, अपहर्ताओं ने बच्चों से पूछा था कि छूट जाने के बाद हमें पहचान लोगे क्या, बच्चों ने हां कहा तो हाथ-पैर बांधकर उन्हें यमुना में फेंक दिया।

बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक ने ही अमीर बनने के लालच में षड्यंत्र रचा था। आरोपियों के कब्जे से मिली कार पर भाजपा का झंडा है। उनसे फिरौती के 17.67 लाख रुपए भी बरामद किए गए हैं।
नाकामी का आरोप लगाया...
इधर, रविवार सुबह जैसे ही घटना की खबर फैली तो चित्रकूट में लोग भड़क गए। पुलिस पर नाकामी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने जाम लगा दिया। बाजार में तोडफ़ोड़ कर पुलिस और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। मामला बढ़ा तो कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। घटना के विरोध में बाजार भी बंद रहा। देर शाम बच्चों का अंतिम संस्कार हुआ।
ऐसे पकड़े गए आरोपी...
रीवा आइजी चंचल शेखर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बच्चों के परिजनों से फिरौती मांगने के लिए आरोपी राह चलते लोगों के फोन का इस्तेमाल करते थे। जांच में एक युवक ने पुलिस को बताया कि उसके नंबर से कुछ लोगों ने किसी को धमकीभरा फोन किया था। उनकी बाइक की नंबर प्लेट पर रामराज्य लिखा था। इसके बाद पुलिस आरोपी रोहित द्विवेदी तक पहुंची।
फास्ट ट्रेक कोर्ट में ले जाएंगे मामला: डीजीपी
डीजीपी वीके सिंह ने कहा, हमें दु:ख है कि बच्चों को नहीं बचा पाए। पुलिस से बचने के लिए आरोपी इंटरनेट कॉलिंग कर रहे थे। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। पुलिस की कोशिश रहेगी कि आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाए।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है आरोपी
पुलिस ने जिन छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से पांच आरोपी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। आइजी ने बताया कि बांदा निवासी आरोपी रामकेश यादव बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। ग्रामोदय के पूर्व छात्र रामकेश ने ही जल्द अमीर बनने के लिए षड्यंत्र रचा।

ग्रामोदय से ही बीई करने वाला जानकीकुंड निवासी पदमकांत शुक्ला वारदात को लीड कर रहा था। इसके बजरंग दल से संबंध बताए जाते हैं। पदम के पिता सद्गुरु ट्रस्ट के पुरोहित हैं। राजू द्विवेदी निवासी भवुआ अंस और पिंटू यादव निवासी गुरदहा एग्रीकल्चर के प्रथम वर्ष के छात्र हैं। आलोक उर्फ लक्की सिंह तोमर निवासी ग्राम तेदुरा बीई प्रथम वर्ष का छात्र है। रोहित द्विवेदी निवासी भवुआ अंस ग्रामोदय में सुरक्षा गार्ड है। रोहित और राजू ने बच्चों को बबेरू में रखने में मदद की थी।

संघ के नेता को बताता है खुद का रिश्तेदार
पदम ने सोशल मीडिया पर बच्चों की रिहाई की अपील के कई पोस्टर शेयर किए थे। फेसबुक पर वह खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बताता था और संघ के एक नेता को स्वयं का रिश्तेदार बताते हुए उनके साथ फोटो शेयर करता था।
यह है मामला
चित्रकूट के सीतापुर निवासी आयुर्वेदिक तेल कारोबारी बृजेश रावत के जुड़वां बेटे का 12 फरवरी को बस से अपहरण किया गया था। वे सद्गुरु पब्लिक स्कूल से लौट रहे थे। इसी बीच दो नकाबपोशों ने कट्टे के बल पर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस सक्रिय हुई। तीन आइजी, दो डीआइजी, दो एसपी, 500 पुलिसकर्मी और मप्र-उप्र एसटीएफ के साथ एसएएफ टीमों ने मोर्चा संभाला, लेकिन पुलिस बच्चों को सकुशल छुड़ाने में नाकाम रही।

इस घटना ने मुझे झकझोर दिया है। हम निश्चित ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। पुलिस जांच कर रही है कि गाडि़यों में किसके झंडे-बैनर लगे थे। विपक्ष पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो वे राजनीति कर रहे हैं।
कमलनाथ, मुख्यमंत्री

प्रदेश में गुंडों का बोलबाला है और सरकार अफसरों के तबादलों में व्यस्त है। समझ में नहीं आता कि ट्रांसफर सीएम कर रहे हैं या उनके पीछे तैनात सुपर सीएम। प्रदेश में मिस्टर बंटाधार रिटर्न्स हो गया है।
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री



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