बदला-बदला सा नजर आएगा भेल क्षेत्र का कमला नेहरू बाल उद्यान

भोपाल/भेल. आने वाले दिनों में बीएचईएल का कमला नेहरू बाल उद्यान बदला-बदला सा नजर आएगा। इसके लिए भेल प्रशासन द्वारा जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। 15 एकड़ क्षेत्र में फैले इस पार्क में विभिन्न तरह के फूल-पत्तियों के साथ ही पेड़-पौधे लगाए गए हैं। इससे जहां ये लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, तो दूसरी ओर फूड जोन और बच्चों के लिए इस पार्क में चलाई जा रही टे्रन और विभिन्न प्रकार के झूले उन्हें लुभाते हैं। वर्षों पहले लगाए गए इन झूलों का फिर से रंग-रोगन किया जा रहा है।
इससे वे अब नए लुक में दिखने लगे हैं। इस पार्क में स्थित झील के ऊपर पुल पर बनाया गया लक्ष्मण झूला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस पार्क में आने वाले बच्चे, बूढ़े और महिलाएं तक खुद को यहां मस्ती करने से नहीं रोक पातीं। बच्चों के साथ उनके रंग में माता-पिता भी रंग जाते हैं।
बच्चे इस पार्क के बीचो-बीच बनाई गई हाथी की सवारी का लुत्फ उठाते हैं। बड़ी संख्या में यहां बच्चे हाथी की प्रतिमा में फिसल पट्टी मे फिसलने के साथ मस्ती करते रहते हैं। माता-पिता भी खुशी-खुशी इसके लिए उन्हें बार-बार हाथी की पीठ पर बैठाते हैं और फिर नीचे आकर उन्हें फिसलता देख खुश होते हैं।
टे्रन की सवारी
यूं तो पार्क में रोजाना टे्रेन चलती है पर रविवार या फिर अवकाश के दिन इसकी मांग ज्यादा बढ़ जाती है। पार्क में आने वाले परिवार का हर सदस्य बच्चों के साथ टे्रेन की सवारी करता है। इससे छुट्टी के दिनों में काफी भीड़ हो जाती है और लोगों को लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। ट्रेन ड्राइवर शिवनारायण यादव का कहना है कि छुट्टियों के दिनों में भारी भीड़ होने के कारण ट्रेन कई फेरे लगाती है।
यूं तो पार्क में रोजाना टे्रेन चलती है पर रविवार या फिर अवकाश के दिन इसकी मांग ज्यादा बढ़ जाती है। पार्क में आने वाले परिवार का हर सदस्य बच्चों के साथ टे्रेन की सवारी करता है। इससे छुट्टी के दिनों में काफी भीड़ हो जाती है और लोगों को लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। ट्रेन ड्राइवर शिवनारायण यादव का कहना है कि छुट्टियों के दिनों में भारी भीड़ होने के कारण ट्रेन कई फेरे लगाती है।
रविवार के दिन सामान्यत: इस पार्क में आने वालों की संख्या करीब 5-6 हजार होती है, लेकिन किसी त्योहार या फिर विशेष छुट्टियों के दिन यह संख्या बढ़कर 10 से 12 हजार तक जाती है। ट्रेन भोपाल स्टेशन से शुरू होकर झांसी, जगदीशपुर, हरिद्वार, त्रिर्ची, हैदराबाद, बैंगलूरू आदि स्टेशन को पार करते हुए पुन: भोपाल स्टेशन पर पहुंचती है।
झूला जोन
पार्क के बीचो-बीच दो हिस्सों में बच्चों के लिए झूला जोन बनाया गया है। इसको इन दिनों रंग-रोंगन करके सजाया संवारा जा रहा है। परिवार के साथ पार्क में आने वाले बच्चे यहां घंटों मौज मस्ती करते रहते हैं। परिवार के सदस्य भी इन्हें झूला जोन में छोड़कर पार्क में घंटो बैठे रहते हैं
पार्क के बीचो-बीच दो हिस्सों में बच्चों के लिए झूला जोन बनाया गया है। इसको इन दिनों रंग-रोंगन करके सजाया संवारा जा रहा है। परिवार के साथ पार्क में आने वाले बच्चे यहां घंटों मौज मस्ती करते रहते हैं। परिवार के सदस्य भी इन्हें झूला जोन में छोड़कर पार्क में घंटो बैठे रहते हैं
बच्चे करते हैं हाथी की सवारी
बच्चे इस पार्क के बीचो-बीच बनाई गई हाथी की सवारी का लुत्फ उठाते हैं। बड़ी संख्या में यहां बच्चे हाथी की प्रतिमा में फिसल पट्टी मे फिसलने के साथ मस्ती करते रहते हैं। माता-पिता भी खुशी-खुशी इसके लिए उन्हें बार-बार हाथी की पीठ पर बैठाते हैं और फिर नीचे आकर उन्हें फिसलता देख खुश होते हैं।
बच्चे इस पार्क के बीचो-बीच बनाई गई हाथी की सवारी का लुत्फ उठाते हैं। बड़ी संख्या में यहां बच्चे हाथी की प्रतिमा में फिसल पट्टी मे फिसलने के साथ मस्ती करते रहते हैं। माता-पिता भी खुशी-खुशी इसके लिए उन्हें बार-बार हाथी की पीठ पर बैठाते हैं और फिर नीचे आकर उन्हें फिसलता देख खुश होते हैं।
गर्मी में मजा देगा सरोवर
पार्क के बीचो-बीच बनाया गया सरोवर गर्मी के दिनों में लोगों को बेहद मजा देगा। ठंड कम होते ही यहां आने वाले सैलानी सरोवर के पानी में पैर डालकर घंटों बैठे रहते हैं। गर्मी के दिनों में यह संख्या बढ़ जाएगी।
पार्क के बीचो-बीच बनाया गया सरोवर गर्मी के दिनों में लोगों को बेहद मजा देगा। ठंड कम होते ही यहां आने वाले सैलानी सरोवर के पानी में पैर डालकर घंटों बैठे रहते हैं। गर्मी के दिनों में यह संख्या बढ़ जाएगी।
No comments