1 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, जाने से पहले जानिए ये पूरे नियम
भोपाल. बाबा बर्फानी अमरनाथ की यात्रा 1 जुलाई से शुरू होने जा रही। इस बार ये यात्रा 46 दिन (15 अगस्त) तक चलेगी। अमरनाथ यात्रा में जाने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। भोपाल शहर में जम्मू एंड कश्मीर बैंक और पीएनबी की न्यू मार्केट शाखा में पंजीयन किया जा रहा हैं। तीर्थयात्रियों को अमरनाथ यात्रा जाने से पहले इन नियमों को जानना जरूरी है...
उपयोगी जानकारी और सुझाव
- उच्च स्तर की शारीरिक योग्यता प्राप्त करके यात्रा की तैयारी करें। साथ ही सलाह दी जाती है कि यात्रा से एक महीने पहले कम से कम 4-5 किमी सुबह/शाम टहलना शुरू करें।
- अपने शरीर की ऑक्सीजन दक्षता में सुधार के लिए, आपको गहरी साँस लेने के व्यायाम और योग, विशेष रूप से प्राणायाम करना शुरू करना चाहिए।
- यात्रा के दौरान तेज ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऊंचे पहाड़ों पर ट्रेकिंग के दौरान आपको पर्याप्त ऊनी कपड़े ले जाने चाहिए।
यात्रा के दौरान ऊनी कपड़े, एक छोटा छाता, रेनकोट, वाटरप्रूफ ट्रेकिंग शूज़, चलने की छड़ी, टोपी, दस्ताने होना चाहिए। क्योंकि यहां का मौसम धूप, बारिश और बर्फ में अचानक परिवर्तन होता है। तापमान कभी-कभी 5 डिग्री सेल्सियस या इससे कम हो सकता है।
- महिलाओं के लिए साड़ी यात्रा के लिए एक उपयुक्त पोशाक नहीं है। इसलिए सलवार कमीज, पैंट-शर्ट या ट्रैक सूट बेहतर होगा।
अमरनात्र यात्रा में यह साथ ले जाएं
गर्म कपड़े : बर्फबारी, बारिश की स्थिति देखते हुए गर्म कपड़े, ईनर, मोजे आदि रखें।
ग्रिप वाले जूते : बर्फ में फिसलन से बचने के लिए का ग्रिप वाले जूतों का ही प्रयोग करें।
खाने-पीने का सामान: रास्ते में फंसने पर दिक्कत ना हो इसके लिए बैग में खाने-पीने का सामान रखें। पानी की बोतल, ड्राई फ्रूट्स, भुने हुए चने, टॉफी, गुड़ आदि रखना चाहिए।
वॉटरप्रूफ पिट्ठू बैग: दर्शन के लिए जाते समय अपने साथ सामान के लिए सिर्फ वॉटरप्रूफ पिट्ठू बैग रखें।
खुद का पहचान पत्र/ड्राइविंग लाइसेंस और यात्रा अनुमति पत्र अपने साथ रखें।
ये लोग यात्रा पर न जाएं
- यात्रा में ऐसे लोग न जाएं जो बिमारी से परेशान है।
- 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं को तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती।
- 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कैसे पहुंचे अमरनाथ
जम्मू तक रेल से या निजी वाहनों से जा सकते हैं। जम्मू से श्रीनगर तक सिर्फ सड़क मार्ग से ही जाया जाता है। जम्मू से चलने के बाद पहलगाम पहुंचना पड़ता है। पहलगाम से गुफा तक की दूरी लगभग 51 किलोमीटर है।
पहलगाम से चंदनवाड़ी तक 17 किलोमीटर मार्ग पर चार पहिया वाहन चलती हैं। चंदनवाड़ी से चार किलोमीटर की दूरी पर है- पिस्सू टॉप। पिस्सू टॉप की चढ़ाई लगभग एक किलोमीटर है।
इसके आगे का दुर्गम मार्ग अमरनाथ गुफा तक जाता है। ज्यादातर लोग इसे पैदल ही तय करते हैं। दर्शनार्थी हवाई मार्ग से श्रीनगर तक आ सकते हैं।
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