दो नगर निगम बने तो कोलार में होगा ज्यादा फेरबदल, 10 वार्ड ज्यादा प्रभावित
भोपाल/ वर्तमान नगर निगम को तोड़कर प्रस्तावित भोपाल और कोलार नगर निगम बनाने की कवायद में कानूनी दांव पेंच के साथ वार्ड परिसीमन का मामला भी गरमाने लगा है। कलेक्टर की तरफ से प्रस्ताव में धारा-7 और धारा 10 बढ़ाने से इस दिशा में तेजी आई है। भोपाल नगर निगम में जिस प्रस्ताव पर दावे आपत्ति बुलवाई गईं उसमें एक से 51 वार्ड भोपाल में और कोलार नगर निगम में 33 वार्ड हैं।
लेकिन प्रस्ताव में लगातार संशोधन से भोपाल नगर निगम में एक से 60 वार्ड और कोलार नगर निगम में 25 वार्ड ही रह गए। ऐसे में कोलार में वार्डो की संख्या 43 या 45 तक करने की तैयारी शुरू हो गई है। तब कहीं जाकर कोलार नगर निगम का गठन हो सकेगा। क्योंकि नगर निगम के लिए 40 वार्ड का होना जरूरी है। इस पूरी प्रक्रिया मे दोनों नगर निगम सीमा के बीच में 10 वार्ड (12.18.24.26.32.43.44.45.51.52 ) आ रहे हैं। ऐसे वार्ड हैं जो दोनों नगर निगम की सीमा से कहीं न कहीं छू रहे हैं। इसमें वर्तमान में कई विकास के काम चल रहे हैं।
कुछ इस तरह का है दो नगर निगम का ड्राफ्ट
प्रस्तावित भोपाल नगर निगम
अभी तक के ड्राफ्ट में भोपाल नगर निगम में 60 वार्ड रखे गए हैं। इसमें वार्ड 50 गुलमौहर और वार्ड 51 शाहपुरा को हटाकर कोलार में शामिल किया है। वार्ड 70 से 79 तक ( पंजाबी बाग, दशहरा मैदान अशोका गार्डन, राजीव गांधी वार्ड, भोपाल मेमोरियल अस्पताल, भानपुर, बड़वई, छोला, रुसल्ली, करोंद और नबीबाग) को कोलार से हटाकर भोपाल नगर निगम में शामिल किया है। ड्राफ्ट में हुए इस बदलाव का फायदा पुराने शहर के लोगों, खासकर करोंद, रुसल्ली क्षेत्र के रहवासियों को और गुलमोहर, शाहपुरा के लोगों को मिलेगा।
प्रस्तावित कोलार नगर निगम
भोपाल नगर निगम में 60 वार्ड करने से कोलार नगर निगम में 25 वार्ड रह जाते हैं। परिसीमन के बाद कोलार क्षेत्र में ही कई बड़े वार्डों को तोड़़कर संख्या बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सीमा से हटकर के वार्डों को ज्यादा तोडऩे का प्लान है, क्योंकि वहां पर काम के बंटवारे को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
कोलार नगर निगम में ये वार्ड रहेंगे सम्मिलित
गुलमोहर, शाहपुरा, मिसरोद, जाटखेड़ी, बरकतउल्ला वार्ड, बागमुगालिया वार्ड, बरखेड़ा पठानी, साकेत शक्ति वार्ड, कस्तूरवा वार्ड, बरखेड़ा बीएचईएल वार्ड, गोविंदपुरा वार्ड, खजूरीकला, हथाईखेड़ा, गौतम बुद्ध नगर, सोनागिरी, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, नरेला संकरी वार्ड, इंद्रपुरी वार्ड, अयोध्या नगर वार्ड, सर्वधर्म कोलार, कान्हाकुंज, दानिशकुंज वार्ड, सनखेड़ी, रतनपुर सड़क और कटारा वार्ड को शामिल किया है।
इनको तोडऩे की है तैयारी-
मिसरोद, जाटखेड़ी, बरकतउल्ला वार्ड, बागमुगालिया वार्ड, बरखेड़ा पठानी, साकेत शक्ति वार्ड, खजूरीकला, हथाईखेड़ा, गौतम बुद्ध नगर, सोनागिरी, गोविंदपुरा, सनखेड़ी, रतनपुर सड़क, कटारा वाडऱ्। इसी प्रकार पुराने भोपाल नगर निगम में राशन कार्ड उपभोक्ताओं के आधार पर नारियलखेड़ा, नवीन नगर वार्ड, ऐशबाग वार्ड, बाग फरहत अफजा को तोड़कर वार्ड संख्या बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए नगर निगम ने पूरा ड्राफ्ट तैयार किया है।
ये परेशानियां आएंगी सामने
- प्रस्तावित कोलार नगर निगम में एक भी बड़ा बाजार नहीं है। इससे निगम की आय पर असर पड़ेगा। नये बाजार बनाने के लिए पैसा खर्च करना पडेगा, जो नागरिकों से टैक्स लगाकर वसूला जायेगा।
- वर्तमान नगर निगम में 600 करोड़ रुपये का कर्ज है, 6000 कर्मचारी हैं और 1000 वाहन हैं। बंटवारे में कई परेशानियां आएंगी।
- एशियन डेवलपमेंट बैंक का 35 करोड़, हुडको का 80 करोड़ ऋण है। इससे प्रस्तावित दोनों निगम क्षेत्र में काम हुआ। ऋण बंटवारे में अनेक दिक्कतें आयेंगी।
- स्मार्टसिटी, अमृत और अन्य प्रोजेक्ट का लाभ भोपाल को मिलता रहा है। वर्तमान नगर निगम ने अमृत प्रोजेक्ट के लिए 175 करोड़ के बांड जारी किए थे जिसके लिए हर माह एक करोड़ की राशि देना पड़ रही है। विभाजन होने पर दोनों निगम इस राशि को देने में असमर्थता व्यक्त करेंगे।
- पानी बंटवारे को लेकर स्थिति खराब होगी, नर्मदा का सम्पवैल प्रस्तावित कोलार नगर निगम में है तो कोलार का सम्पवैल प्रस्तावित भोपाल नगर निगम में है। भविष्य में विवाद की स्थिति निर्मित होगी और नागरिकों को परेशानी होगी। सीवेज लाइन और सड़कों का बंटवारा कैसे होगा?
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