11 मील पर भंडारण और ट्रांजिट परमिट का उल्लंघन कर सड़क पर चल रही रेत की मंडी
भोपाल. 11 मील से शहर में दाखिल होने के लिए मौजूदा मुख्य मार्ग इन दिनों रेत कारोबारियों का अवैध बाजार बन चुका है। 11 मील से भोजपुर जाने वाली सड़क, होशंगाबाद रोड और बर्रई बायपास टोल टैक्स नाका, ये वो तीन स्पॉट हैं, जहां खुलेआम खनिज विभाग के नियमों के विपरीत रेत के भंडारण और ट्रांजिट परमिट नियमों का उल्लंघन होता है।
शहर में रोजाना नो एंट्री खुलने के बाद रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक होशंगाबाद और रायसेन स्थित नर्मदा नदी की खदानों से रेत डंपरों में भरकर सप्लाई की जाती है। शहर के इन तीनों मार्गों पर रेत से भरे हाइवा और डंपर खड़े रहकर रात के 11 बजने का इंतजार करते रहते हैं। यदि इस बीच कोई ऑर्डर कैंसल हो जाता तो वाहन चालक रेत वापस ले जाने की बजाए मुख्य मार्ग पर ही डंप कर देते हैं, ताकि इसे फुटकर ट्रेक्टर-ट्रॉलियों की मदद से बेचा जा सके। मौके पर ढाबा चलाने वाले कम कीमत पर ये रेत खरीद कर अपने हिसाब से कारोबार करते हैं। सड़क पर रेत के फैलाव से यहां कई बार गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
खनिज विभाग के नियम
रेत खदान की अनुमति लेकर सिर्फ खुदाई करने का कार्य नियमित मान्य होता है। परिवहन की मंजूरी अलग से जारी होती है।
एक बार परिवहन के लिए मात्रा और स्थान तय होता है। वाहन चालक को तय मात्रा तय और स्थान पर छोड़कर आना होता है।
बीच रास्ते में कही भी रेत का भंडारण करने के लिए वाहन खाली करना मप्र खनिज नियमों का उल्लंघन और अपराध है।
खदान की रॉयल्टी चुकाकर और तय स्थत तक की परिवहन अनुमति लेकर इसे खुले बाजार में ट्रेक्टर-ट्रॉलियों से बिक्री करवाना भी प्रतिबंधित है।
जिला खनिज विभाग को इस तरह की अनियमितताओं के मामले में वाहनों पर जुर्माना और रेत का भंडार जब्त करने का अधिकार है।
प्रदेश में रेत के भंडारण पर रोक लगी हुई है। इस तरह सड़क पर माल रखकर बेचना गैर कानूनी है। एक माह पहले ऐसे ही एक मामले में रेत का बड़ा स्टॉक जब्त किया गया था। यदि दोबारा ये काम शुरू हो गया है तो फिर से कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र सिंह परमार, जिला खनिज अधिकारी
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