बहुत हुआ 11 महीने का आराम, अब काम में जुट जाएं : कमलनाथ

भोपाल : प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई जिला अध्यक्षों और मंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कहा कि सरकार बने 11 महीने हो गए हैं, बहुत आराम हो गया अब आप सबको काम में जुट जाना है। आने वाले समय में निकाय और मंडी चुनाव हैं उनकी तैयारी में लग जाएं। सीएम ने कहा कि जनता के बीच में जाएं और बताएं कि हमने क्या-क्या काम किए हैं। जिनका कर्ज माफ हुआ है और जिनका होने वाला है वो पूरी सूची पीसीसी को उलब्ध करा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि अब माहौल बदल रहा है,महाराष्ट्र और हरियाणा के नतीजे इसी ओर इशारा कर रहे हैं। २५ नवंबर को जिला स्तर पर प्रभावी प्रदर्शन हो और 14 दिसंबर को दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे। सीएम ने साफ कर दिया कि सबको अपने-अपने साधन से जाना है अब वो समय नहीं रहा जब साधन दिए जाते थे। बैठक में मंत्री,जिला अध्यक्ष और पीसीसी पदाधिकारियों के साथ ही एआईसीसी के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
फूल छाप कांग्रेसियों की सिफारिश न करें : बावरिया
बैठक में मौजूद प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि मंत्रियों को कार्यकर्ताओं की बात सुननी पड़ेगी। बावरिया ने कहा कि जो पॉलिसी तय की गई है उसी आधार पर निगम-मंडल में नियुक्तियां की जाएंगी। समर्पित कार्यकर्ताओं को संगठन में भी पद दिए जाएंगे। बावरिया ने कहा कि ५० फीसदी युवाओं को, २५ फीसदी महिलाओं को और दस फीसदी उन लोगों की नियुक्तियां की जाएंगी जिन्होंने कांग्रेस में अपना जीवन खपा दिया है और आज उनकी कोई पूछ परख नहीं है। बावरिया ने स्पष्ट कहा कि मंत्री किसी भी फूल छाप कांग्रेसी की सिफारिश न करें। जिसका भी नाम दें उसकी पूरी जांच पड़ताल कर लें। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष से लेकर मंडलम तक के कार्यकर्ताओं की समीक्षा की जा रही है।
जो लोग पीसीसी के नाम पर दुकान चला रहे हैं उन्हें हटाया जाएगा, मैं किसी को बचाउंगा नहीं। बावरिया ने कहा कि सत्ता-संगठन में समन्वय के लिए कोर्डिनेशन कमेटी बनेगी। वचन पत्र के क्रियान्वयन के लिए मेनीफेस्टो कमेटी बनेगी जिसमें वित्त मंत्री को भी शािमल किया गया है। बावरिया ने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के जो लोग इस बैठक में नहीं आए हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी। बावरिया ने दिल्ली में १४ दिसंबर को होने वाली रैली के लिए प्रदेश से ४० हजार कार्यकर्ताओं को ले जाने का टारगेट दिया है।
जिला अध्यक्षों ने की शिकायतें :
बावरिया ने बैठक में मौजूद जिला अध्यक्षों से भी सुझाव मांगे। जिला अध्यक्षों ने सुझाव के साथ-साथ बावरिया से कई शिकायतें भी की। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री जिले में जाते हैं तो उनको तवज्जो नहीं देते, अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ घूमते रहते हैं उनमें भाजपा के लोग भी शामिल होते हैं। कुछ ने कहा कि जिनकी हैसियत ब्लॉक अध्यक्ष तक की नहीं थी उनको महासचिव बना दिया गया है,वे हमारे सिर पर नाचते हैं,काम नहीं करने देते। उन्होंने कहा कि निचले स्तर के कार्यकर्ता को अभी ये अहसास नहीं है कि प्रदेश में उसकी सरकार बन गई है।

एक जिला अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री और विधायक आपस में लड़ते रहते हैं, ऐसे नेताओं को मैं जिले में नहीं घुसने दूंगा। कुछ नेताओं ने कहा कि पहले परिवहन मंत्री हरवंश सिंह होते थे वे रैली में सबको ले जाने की व्यवस्था करते थे इसी तरह लोगों को दिल्ली ले जाने के लिए भी प्रभारी मंत्रियों को व्यवस्था करनी चाहिए। बावरिया ने कहा कि सबकी शिकायतें दूर करेंगे। परिवहन की व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रभारी मंत्रियों को सौंपी गई है।
डंग ने मांगा मंत्री पद :
सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग बैठक में नाराज नजर आए। डंग ने मीडिया से कहा कि क्षेत्र की जनता चाहती है कि उनको कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिले। डंग ने कहा कि उनकी कोई दावेदारी नहीं है बल्कि ये क्षेत्रीय लोगों की मांग है। डंग की नाराजगी दूर करने के लिए पीसीसी पदाधिकारियों ने उनको अलग कक्ष में ले जाकर मनाया।
वर्मा बोले प्रहलाद लोधी अवांछित तत्व :
बैठक में शामिल होने पहुंचे पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रहलाद लोधी के सवाल पर कहा कि विधानसभा की ये व्यवस्था होती है कि सदन में कोई अवांछित तत्व न पहुंचे। यदि कोई जबरन घुसने की कोशिश करता है कि तो उसके लिए मार्शल का भी इंतजाम है। वर्मा ने कहा कि प्रहलाद लोधी के मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक रुप से जो नियम है उसी आधार पर लिया है।
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