जैविक मां के रहते हुए बच्चे को विदेशी दंपती को दे रहे थे गोद, मां पहुंची तो रोकी प्रक्रिया
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भोपाल/ देखरेख और संरक्षण के लिए शिशु गृह में छोड़े गए भाई-बहन को शिशु गृह प्रबंधन द्वारा विदेशी दंपती को गोद देने की तैयारी कर ली थी। विज्ञापन देखकर बुधवार को बैतूल निवासी मां, भोपाल बाल कल्याण समिति के सामने पहुंची, तो गोद की प्रक्रिया रोक दी गई। बताया जा रहा है कि जैविक मां के रहते हुए विदेशी दंपती को एक 4 साल की बेटी और 6 साल का बेटा गोद देने की पूरी तैयारी कर ली थी।
बच्चों की असली मां ने बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बच्चों को वापस लेने की मांग की। बताया जा रहा है कि करीब 9 महीने पहले जीआरपी ने दोनों भाई-बहन को बाल कल्याण समिति को सौंपे थे। इसके बाद इन्हें शिशु गृह में रखा गया, जहां से इन्हें विदेश दंपती को गोद देने के लिए लीगल फ्री की कार्रवाई कर ली गई।
चाइल्ड लाइन के माध्यम से टीटी नगर थाना पुलिस ने 13 जनवरी को बच्चे को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। बाल कल्याण समिति के सामने मां उपस्थित हुई तो मां की काउंसलिंग की गई। बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने इस मामले पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। लेकिन मामले की जांच शुरु कर दी है।
किस तरह इसकी प्रक्रिया अपनाई गई और मां के रहते हुए बच्चों को विदेश में गोद क्यों दिया जा रहा था, इसकी जांच की जा रही है। इधर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया कि मामला आयोग के संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जाएगी। इस तरह के मामले अक्सर सामने आ रहे हैं। आखिर इसमें किस स्तर पर लापरवाही बरती गई, इसकी जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि गोद देने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।
बताया जा रहा है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए लाया गया था। बच्चों के पिताजी नहीं है, लेकिन मां को पढ़ाई का बताकर भोपाल लाया गया था। इस पर मां निश्चिंत हो गई थी। हाल ही में गोद देने संबंधी विज्ञापन देखकर किसी रिश्तेदार ने मां को खबर की तो वह उपस्थित हो गई।
इस मामले में जिम्मेदार संस्था शिशुगृह, एडप्शन समिति, बाल कल्याण समिति और जिला महिला एवं बाल विकास के अधिकारी की लापरवाही बताई जा रही है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार देखरेख संरक्षण में इन बच्चों को छोड़ा गया था, जबकि ऐसे बच्चों को गोद जेजे एक्ट के तहत गोद नहीं दिया जा सकता है।
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