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2 दिसंबर तक का समय दिया सरकार को, प्रतिमा नहीं हटाई तो करेंगे अनशन


भोपाल/ लिंक रोड नानके पेट्रोल पंप के सामने शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा वाली जगह पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह की प्रतिमा लगाने के विवाद में अब उनके वंशज भी शामिल हो गए। बुधवार को लखनऊ से शहीद आजाद के भतीजे के बेटे अमित आजाद तिवारी दिल्ली के एक्टिविस्ट हरपालसिंह राणा के साथ भोपाल पहुंचे। शहीद के वंशज अमित तिवारी ने चेतावनी दी, दो दिसंबर तक अर्जुनङ्क्षसह प्रतिमा हटाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की तो फिर वे अनशन करेंगे।
अमित आजाद तिवारी बुधवार सुबह 11 बजे महापौर निवास पहुंचे। यहां उपस्थित पत्रकारों से चर्चा भी की। अमित ने बताया पत्रिका अखबार में शहीद के अपमान की खबर देखी। इसके बाद ही वे भोपाल आए। उन्होंने कहा, शहीद का अपमान देश का अपमान है और इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। वे एक्टिविस्ट हरपालसिंह राणा के साथ महापौर और राज्यपाल से मिले। राज्यपाल ने उन्हें पूरे मामले की जांच कराने और शहीद का सम्मान बरकरार रखने का आश्वासन दिया।
महापौर के साथ आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
शहीद के वंशज अमित जब महापौर निवास पर थे, महापौर वहां नहीं पहुंच पाए। अमित दोपहर करीब सवा बारह बजे महापौर निवास से एक पत्रकार की कार में बैठकर राज्यपाल से मिलने राजभवन के लिए रवाना हो गए। इसके बाद महापौर अपने बंगले पर आए। उन्होंने ने भी पत्रकारों से चर्चा की और अमित तिवारी को लेने राजभवन चले गए। वहां से तिवारी के साथ वे दोपहर में नानके पेट्रोल पंप के सामने आजाद प्रतिमा पर गए। यहां शहीद के प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए अर्जुनसिंह की प्रतिमा को हटाने का संकल्प लिया।
महापौर बोले, दो दिसंबर को वे भी बैठेंगे अनशन पर
आजाद के वंशज अतिम तिवारी ने शासन को दो दिसंबर तक प्रतिमा पर निर्णय लेने का समय दिया है। यदि अर्जुनसिंह प्रतिमा हटाने को लेकर शासन की और से कोई पहल नहीं हुई तो वे अनशन करेंगे। महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि शहीद के वंशज के साथ वे और उनके साथीगण भी अनशन और धरना देंगे।
शहीद के वंशज के सवाल व मांग
- जब ट्रैफिक में दिक्कत की बात पर शहीद की प्रतिमा हटाई तो फिर क्या अब ट्रैफिक ठीक हो गया है, जिससे अर्जुनसिंह की प्रतिमा लगाई।
- यदि ट्रैफिक में अब प्रतिमा से कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो फिर अर्जुनसिंह की जगह फिर से शहीद आजाद की प्रतिमा लगाई जाना चाहिए।
- अर्जुनसिंह की प्रतिमा अन्य कहीं शिफ्ट की जा सकती है।
- शहीद आजाद की प्रतिमा की जगह कोई दूसरी प्रतिमा लग ही नहीं सकती है। ये देश की पूरी जनता का अपमान है।
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