रेत के बाद अब गिट्टी महंगी होने की आशंका, लीज नहीं नीलामी पर खदाने देगी सरकार
भोपाल। रेत के बाद सरकार अब गिट्टी-पत्थर की खदानों को भी नीलाम करने की तैयारी कर रही है। रेत के साथ-साथ गिट्टी की खदाने भी नीलाम होने से कारोबारी उंची दरों पर ठेके लेंगे और उसकी वसूली गिट्टी की बाजार में कीमत बढ़ाकर करेंगे। ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम से घर बनाना महंगा हो सकता है।
अब तक प्रदेश में सरकारी जमीन पर चल रही गिट्टी-पत्थर की खदाने दस साल के लिए लीज पर दी जाती रही हैं। खदानों के नीलमी प्रक्रिया में जाने के कारण सरकार अब पुरानी खदानों की लीज रिन्यू नहीं करेगी। यह निर्णय हाईकोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है।
जबकि निजी जमीन पर चल रही खदानें लीज पर दी जा सकेगी। प्रदेश में करीब साढ़े चार हजार गिट्टी-पत्थर खदाने हैं, जिसमें के्रशर लगे हुए हैं। इसमें 4200 खदान सरकारी जमीन पर है। इन खदानों को दस साल के लीज पर दिया गया है। इसमें हर साल 25 फीसदी खदाने रिन्यू होती हैं। नए निर्णय के अनुसार अब इन खदानों का लीज रिन्यू नहीं होगा, इन खदानों को नए सिरे से नीलाम किया जाएगा।
गिट्टी उत्पादन हो सकता है प्रभावित
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब पुरानी गिट्टी खदाने रिन्यू नहीं हो पाएगी। ऐसे में लगभग आधी खदानें अगले वर्ष में बंद हो सकती है। उधर गिट्टी-पत्थर की नई खदानों की खोज और पुरानी खदानों के मूल्यांकन में भी सरकार को समय लगेगा। खनिज विभाग के पास इस काम के लिए कोई विशेषज्ञ अमला नहीं है। विभाग खनिजों की खोज एनएमडीसी से कराता है। खनिजों की खोज में एक से दो साल का समय लगेगा। इसके बाद खनिजों की नीलामी की जाएगी। ऐसे में प्रदेश में गिट्टी का उत्पादन कम होने से निर्माण कार्य प्रभावित होने की आंशका भी बन गई है।
नीलामी से सरकार भरेगी खजाना
वर्तमान में सरकार को गिट्टी पत्थर से 368 करोड़ रूपए का हर साल रायल्टी मिलती है। बारिश के कारण इस वर्ष निर्माण कार्य चार माह तक ठप था, इससे वर्ष अभी तक सरकार को सिर्फ 182 करोड़ ही रायल्टी मिली है। सरकार 100 रुपए पर क्यूविक मीटर रायल्टी वसूलती है। नीलामी के बाद यह रेट बढ़ जाएगा।सरकार को गिट्टी खदान नीलाम करने से दो गुना राजस्व मिलने की उम्मीद है।
इसलिए सरकार को लेना पड़ा निर्णय
दरअसल खनिज विभाग ने इंदौर जिले के वनवास क्षेत्र में एक गिट्टी-पत्थर खदान को दो ठेकेदारों आवंटित करने के लिए आदेश जारी कर दिया था। इसको लेकर एक पक्ष कोर्ट में चला गया। इस तरह के आदेश को लेकर कोर्ट ने मामले की जांच और गिट्टी-पत्थार की सभी खदानों को नीलाम आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही इस मामले की जांच करने के लिए सीएम से कराने के लिए सरकार को कहा है, जिसकी जांच की जा रही है।
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