कहां गए महाराष्ट्र कांग्रेस के 44 विधायक, मध्यप्रदेश लाने की तैयारी थी देर रात तक नहीं पहुंचे !
भोपाल. महाराष्ट्र में एक बार फिर से सियासी घमासान मचा हुआ है। शनिवार को भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद और राकांपा चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का मौका दिया। इस दौरान खबर आई की महाराष्ट्र कांग्रेस के 44 विधायकों को मध्यप्रदेश में शिफ्ट किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान ने मध्यप्रदेश के सीएम कमल नाथ को विधायकों के रूकने का इंतजाम करने को भी कहा गया था।
जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम तक सभी विधायक भोपाल पहुंचे सकते थे। लेकिन कांग्रेस का कोई भी विधायक देर रात तक मध्यप्रदेश नहीं पहुंचा। पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि शाम पांच बजे के बाद कांग्रेस के विधायक मध्यप्रदेश पहुंच सकते हैं।
[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]Sources: Congress is planning to move its MLAs out of Maharashtra . They will be moved to a Congress ruled state. pic.twitter.com/QXoUgc4p7C
— ANI (@ANI) November 23, 2019
मध्यप्रदेश नहीं पहुंचे विधायक
कांग्रेस को महाराष्ट्र में फूट का डर है। जिसे देखते हुए महाराष्ट्र से सभी कांग्रेस विधायकों को मध्यप्रदेश में शिफ्ट करने की तैयारी की गई थी। हालांकि शनिवार को मुबंई में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा था कि, कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं और कांग्रेस में कोई फूट नहीं है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को राजस्थान में शिफ्ट किया था। महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने तक कांग्रेस के विधायकों को मध्यप्रदेश में शिफ्ट करना था, लेकिन ये विधायक मध्यप्रदेश नहीं पहुंचे। ऐसे में एक बार फिर से अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि आखिरी कांग्रेस के विधायक गए कहां। हालांकि इस मामले में कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
मध्यप्रदेश सुरक्षित स्थान
राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। लिहाजा कांग्रेस के लिए ये सुरक्षित स्थान हैं। ऐसे में पार्टी हाई कमान ने विधायकों को मध्यप्रदेश में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था।
क्या हुआ महाराष्ट्र में?
शनिवार को महाराष्ट्र में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था। भाजपा और एनसीपी ( राकांपा ) ने प्रदेश में गठबंधन कर नई सरकार बनाई। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और शरद पवार के भतीजे और बारामती से सात बार के विधायक अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। इस बीच अजित पवार के फैसले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार ने बताया कि भाजपा का समर्थन करना अजित पवार का निजी फैसला है। एनसीपी का इससे कोई लेना देना नहीं है।
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