स्कूलों आटउ सोर्स से रखे जाएंगे नॉन टीचिंग स्टाफ

भोपाल/ प्रदेश के सभी स्कूलों में डाटा एंट्रीआपरेटर सहित अन्य नॉन क्लेरिकल आउट सोर्स और कलेक्टर दर पर रखे जाएंगे। इन कर्मचारियों को कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार कुशल श्रमिक के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
राज्य सरकार अब संविदा और नियमित आधार पर स्कूलों में नॉन टीचिंग और क्लेरिकल स्टाफ की भर्ती नहीं करेगी। जिन स्कूलों ने अपने स्तर पर संविदा के आधार पर नॉन टीचिंग और क्लेरिकल स्टाफ की भर्ती किया है, उन्हें इन कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर उन्हें भी आउॅटसोर्स के माध्यम से नौकरी पर रखना पड़ेगा।
प्रदेश में लगभग 7 हजार हायर सेकेंड्री और हाईस्कूल हैं। इनमें पिछले 17 साल से नॉन टीचिंग और क्लेरिकल स्टाप की भर्ती नहीं हुई है। स्कूलों ने 2002 से अपने स्तर पर संविदा और डेलीवेज पर नॉन क्लेरिकल स्टाफ की भर्ती कर रखी थी। जबकि सरकार ने संविदा भर्ती पर वर्ष 2013 से बैन लगा रखा है।
[MORE_ADVERTISE1]इस बात का खुलासा जिला स्तर पर आडिट के दौरान हुआ। वित्तविभाग ने इस पर आपत्ति लगाते हुए जिन स्कूलों में संविदा पर कर्मचारियों की भर्ती की थी, उनके वेतन रोक दिए। इसके बाद स्कूल शिक्ष विभाग आदेश जारी किया कि स्कूलों में अब आउट सोर्स से ही कर्मचारी रखे जाएंगे। पूरे पदेश के स्कूलों में 90 हजार से अधिक नॉन क्लेरिकल स्टाफ के पद हैं। हायर सेकेंड्री स्कूल में 12 पद होते हैं, जबकि हाई स्कूल में 9 पद स्वीकृत किए गए हैं।
रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत युवाओं को मिलेगा मौका
स्कूलों में नान टीचिंग स्टाफ तथा कम्प्यूट आपरेटर की भर्ती में सबसे ज्यादा उन युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनका पंजीयन रोजगार कार्यालय में है। भर्ती के लिए जिला स्तर पर और स्कूल स्तर पर विज्ञापन जारी किए जाएंगे।भर्ती में अनुभव, डिग्री और योग्यता के आधार पर की जाएगी। इसमें उन कर्मचारियों को भी प्राथमिकता मिलेगी, जो स्कूलों में पहले से काम कर रहे थे।
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