फिर मप्र की हवाओं से बिजली बनाएगी सरकार, विंड एनर्जी की ओर वापस बढ़े कदम
भोपाल। सौर ऊर्जा पर लगातार फोकस करने के बाद कमलनाथ सरकार अब वापस पवन ऊर्जा की ओर लौट रही है। पवन ऊर्जा को लेकर सरकार ने नए सिरे से प्लानिंग शुरू की है। इसके तहत अब पवन ऊर्जा का उत्पादन प्रदेश में बढ़ाया जाएगा। एेसे इलाके जहां पर हवा का वेग ज्यादा है, उन इलाकों को चिन्हित करके पीपीपी मोड पर नई विंड पॉवर प्लांट बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने नए लक्ष्य तय करना शुरू कर दिए हैं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में अधिक से अधिक पवन ऊर्जा परियोजनाएँ क्रियान्वित की जाएँ। उन्होंने बताया कि राज्य शासन पवन ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये तत्पर है। यादव आज यहाँ पवन ऊर्जा परियोजना विकासकों, निर्देशकों और विंड टर्बाइन निर्माण कम्पनियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री हर्ष यादव ने पवन ऊर्जा परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में समुद्रतटीय प्रांतों की तुलना में वायु का वेग कम है। इसलिये पवन ऊर्जा उत्पादन के लिये अन्य संभावनाओं का पता लगाना जरूरी है।
बैठक में बताया गया कि इस समय प्रदेश में करीब ढाई हजार मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं। ऊर्जा विभाग के पास 5 हजार मेगावॉट की परियोजनाएँ पंजीकृत हैं। प्रदेश में 10 हजार मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की संभावनाएँ मौजूद हैं।
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