प्रहलाद लोधी की सदस्यता को लेकर स्पीकर भोपाल में तो गवर्नर पहुंचे दिल्ली - Web India Live

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प्रहलाद लोधी की सदस्यता को लेकर स्पीकर भोपाल में तो गवर्नर पहुंचे दिल्ली

भोपाल। इसे महज संयोग ही कहा जाए कि विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ऐसे समय भोपाल आए जब राज्यपाल लालजी टंडन दिल्ली में हैं। ऐसे में इनकी मुलाकात इस बार भी नहीं हो पाएगी। भाजपा के प्रहलाद लोधी की विधायकी पर असमंजस की स्थिति बनने के बाद राज्यपाल स्पीकर से चर्चा करना चाहते हैं।

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राज्यपाल लालजी टंडन विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति से चर्चा करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने संदेश भी भेजा लेकिन स्पीकर के शहर के बाहर होने के कारण उनकी राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो पाई। इसे महज संयोग ही कहा जाए कि राज्यपाल टंडन गुरुवार की दोपहर में दिल्ली के लिए रवाना हुए और स्पीकर अगले ही यानी शुक्रवार की सुबह भोपाल आ गए। गर्नवर कांफ्रेंस में शामिल होने दिल्ली गए राज्यपाल 24 तक वहीं रहेंगे। इसके बाद वे भोपाल आएंगे। यदि स्पीकर सोमवार तक रुके तो संभव है उनकी राज्यपाल से मुलाकात हो।

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क्या है मामला -

पवई से विधायक प्रहलाद लोधी को मारपीट के मामलेे में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। सजा के ऐलान के तत्काल बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। इस पर लोधी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर हाईकोर्ट ने सजा के आदेश पर स्टे दे दिया है। भाजपा लोधी की सदस्यता बहाली की मांग कर रही है। उधर सरकार ने हाईकोर्ट के स्थगन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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चुनाव आयोग और महाधिवक्ता की राय का इंतजार -

विधानसभा सचिवालय ने राज्य के महाधिवक्ता से राय मांगी थी, लेकिन अभी तक सचिवालय को इस मामले में कोई राय नहीं मिली। वहीं दूसरी ओर राजभवन ने चुनाव आयोग से राय मांगी थी कि हाईकोर्ट से स्थगन के बाद लोधी की सदस्यता पर क्या स्थिति है। उन्होंने इसके लिए सुप्रीमकोर्ट के लोक प्रहरी मुकदमे के आदेश का जिक्र भी किया था, जिसमें कहा था कि स्थगन के बाद सदस्यता भी बहाल हो जाती है। इस मामले में भी चुनाव आयोग से कोई अभिमत नहीं आया है।

राकेश-भार्गव आज दिल्ली में-

लोधी के मामले में भाजपा अब अगला कदम दिल्ली में तय करेगी। रविवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह दिल्ली पहुंच रहे हैं। वे इस मामले में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ मंत्रणा करेंगे। उधर भाजपा ने यह भी तय किया है कि अगर 17 दिसंबर को विधानसभा के सत्र की शुरूआत होने तक लोधी की सदस्यता बहाल नहीं होती है तो भाजपा के सभी विधायक लोधी को बीच में घेरकर पैदल मार्च करते हुए विधानसभा में प्रवेश करेंगे।



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