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कालेजों में प्रोफेसर से प्यून तक ई-मेल से ही होगा संवाद

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग फास्ट गति से कालेजों तक सूचनाएं पहुंचाने के लिए अब डिजिटल मोड पर काम करने जा रहा है। इसके लिए हर कर्मचारी की एक डिजिटल आईडी तैयार की जा रही है। कालेजों में प्रोफेसर से लेकर प्यून तक को सरकारी ई-मेल बनाया जा रह है। कई प्रोफेसरों और अधिकारियों के ई-मेल आईडी मुख्यालय स्तर पर बनाए गए हैं। इस माह के आखिरी तक सभी के ई-मेल तैयार हो जाएंगे और उन्हें इसमें लॉगइन करना जरूरी होगा।

उच्च शिक्षा विभाग ने मुख्यालय स्तर पर 5 हजार अधिक कर्मचारियों के ईमेल आईटी बनाए हैं, जिसमें 3847 प्रोफेसर और 1235 तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों शामिल हैं। विभाग ने उन्हें कहा है कि वे इसे एक्टिवेट कर लें। जिन प्रोफेसरों और कर्मचारियों ने अभी तक यूजर आईडी और पासवर्ड नहीं लिया है वे इसे कालेज में प्राचार्य से प्राप्त कर लें। इसके साथ ही इसे प्रत्येक दिन इसका अवलोकन करें और इसमें भेजे गए दिशा -निर्देशों का पालन करें।

विभाग, प्राचार्य और प्रशासनिक अधिकारी से अगर किसी संबंध में पत्राचार करना है तो इसी ई-मेल के जरिए करें। ई-मेल के साथ मोबाइल नम्बर और आधार को लिंक करना जरूरी है। उनके ई-मेल आईडी पर ही विभाग और कालेज से संबंधित सारे दिशा-निर्देश भेज जाएंगे।

चालू मोबाइल नम्बर ही अटैच करें

तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ई-मेल संभाग और कालेज स्तर पर बनाए जाएंगे। इन कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो मोबाइल नम्बर उपयोग कर रहे हैं, उसे ही ई-मेल के साथ अटैच कराए। इसके साथ ही जिन कर्मचारियों ने पहले से मोबाइल नम्बर दे रखा है और उनका ई-मेल बनाने की प्रक्रिया में है वे कालेज स्तर से लॉगइन कर ई-आरशीट में मोबाइल नम्बर अपडेट कर लें। ई-मेल बनने के बाद उन्हें यूजर आईडी और पासबर्ड की जानकारी कालेज प्राचार के माध्यम से उलब्ध कराई जाएगी।

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मेल पर होगा शिकायतों का निराकरण

प्रोफेसर और कर्मचारी अपनी सेवा शर्तों, पदोन्नति, वेतन विसंगति अथवा अन्य किसी तरह की समस्या को ई-मेल के माध्यम से विभाग तक भेज सकेंगे। शिकायतों अथवा उनकी समस्या का निराकरण कर उसकी जानकारी भी विभाग उनकी साफ्ट कापी भी उनके पास तक भेज देगा। इस व्यवस्था से कर्मचारियों और विभाग पत्राचार में काफी सहूलियत होगी। किसी भी प्रोफेसर और कर्मचारी को सीधे पत्राचार कर सकेंगे। वहीं इस व्यवस्था से अब विभाग के आदेश—निर्देशों के पालन में भी देरी नहीं होगी।

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