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सभी नई भर्ती में मिलेगा EWS आरक्षण का फायदा, सरकार ने मानी गलती, सुधारा आदेश

भोपाल। प्रदेश के सरकारी विभागों में जुलाई 2019 से होने वाली प्रत्येक भर्ती में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का फायदा दिया जाएगा। इसके तहत जुलाई 2019 के पहले के भी खाली पद है, तो उन पर होने वाली भर्ती में इस आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। सरकार ने गुरुवार को इसकी गलती को सुधार लिया। इसे तहत एमपी-पीएससी के जो विज्ञापन जारी हो गए हैं, उनमें संशोधन होगा। जीएडी मंत्री डा. गोविंद सिंह ने इसके लिए अलग से आदेश जारी करने का एेलान किया है।

गुरुवार को पत्रिका में एमपी-पीएससी की भर्ती में जुलाई २०१९ से पहले वाले खाली पदों पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण का फायदा नहीं देने को लेकर जीएडी की गलती का खुलासा किया गया था। इसके बाद जीएडी मंत्री गोविंद सिंह ने ताबड़तोड़ इस मामले में सुधार के आदेश दिए।

सिंह ने जीएडी एसीएस केके सिंह को कहा कि सभी नई भर्तियों में गरीबों के आरक्षण का लाभ दिया जाए, चाहे वह पद कभी भी खाली हुआ हो। गोविंद सिंह ने विभाग की लापरवाही पर भारी नाराजगी भी जारी करते हुए कहा कि दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की जाए। मंत्री ने यह भी कहा कि जवाबदेह अधिकारी को हटाया जाए। मंत्री सिंह नेे मीडिया से बातचीत में कहा कि इस आरक्षण के लिए व्यापमं और एमपी-पीएससी को अलग से आदेश भी जारी करने के लिए कहा है।

संशोधित विज्ञापन निकलेगा-

एमपी-पीएससी को जिन पदों के लिए भर्ती निकाल दी है, उन पदों के लिए अब संशोधित विज्ञापन जारी करना होगा। दरअसल, एमपी-पीएससी ने 389 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। एमपी-पीएससी ने जीएडी के पूर्व आदेश का हवाला देकर 150 पदों पर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने से इंकार कर दिया था। अब इसे संशोधित करके ईडब्ल्यूएस के दस फीसदी आरक्षण के साथ वर्गीकरण करते हुए जारी किया जाएगा। इसके पहले जीएडी आदेश जारी कोगा।

कहां हुई थी चूक-

दरअसल, जुलाई 2019 में जब कैबिनेट से दस फीसदी आरक्षण मंजूर हुआ, तो उसमें यह नहीं था कि जुलाई के पूर्व के खाली पदों पर इसका लाभ नहीं मिलेगा। जब जीएडी ने आदेश जारी किया, तो उसमें अफसरों ने यह पेंच डाल दिया कि जुलाई २०१९ के पहले के खाली पदों में इस आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसे आधार बनाकर एमपी-पीएससी ने नई भर्ती निकाली, तो उसमें इस आरक्षण का प्रावधान नहीं किया। जीएडी के अफसर इस चूक को फाइलों में उलझाकर दबाते रहे।

यह है नियम-

दरअसल, जनवरी, 2019 में मोदी सरकार ने ने पिछड़े सवर्णों को आर्थिक आधार पर नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दी थी। मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के उन लोगों की आरक्षण का फायदा देने के लिए कानून बनाया था। इसके मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन के तहत कमलनाथ सरकार ने भी इसे लागू किया था, लेकिन भर्ती विज्ञापन में इसमें त्रुटि कर दी गई।

इनका कहना-

प्रदेश के नौजवानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। जुलाई 2019 के पहले के खाली पदों पर भी सवर्ण वर्ग के गरीब आवेदकों को दस फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसके लिए व्यापमं और एमपी-पीएससी को भी आदेश जारी कर रहे हैं। उम्र के मामले में भी सुप्रीमकोर्ट के नियमों का पालन करते हुए मध्यप्रदेश के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
- गोविंद सिंह, मंत्री, जीएडी, मप्र

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