पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर 15 फीसदी फंड भी खर्च नहीं कर पाए स्कूल

भोपाल : केंद्र सरकार से मिले चिल्ड्रन बिथ स्पेशल नीड्स के फंड को प्रदेश के स्कूल 15 फीसदी भी खर्च नहीं कर पाए हैं। प्रदेश में प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये पैसा जरुरतमंद बच्चों के उपयोग में ही नहीं आ पाया। इंदौर, रतलाम, खंडवा और सिंगरौली जिले ऐसे हैं जिन्होंने इस राशि का एक पैसा भी खर्च नहीं किया है। वहीं प्रदेश के दर्जन भर जिलों में इस फंड का दस फीसदी हिस्सा भी उपयोग में नहीं लाया गया। वहीं बुरहानपुर ऐसा जिला है जिसने सबसे ज्यादा 74 फीसदी राशि खर्च की है।
ऐसे बच्चे जो सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण या शारीरिक-मानसिक कमजोरी की वजह से पढ़ाई में कमजोर रहते हैं, उन पर विशेष ध्यान देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रदेश को 3114 लाख रुपए दिए थे जिनमें से सिर्फ 438 लाख रुपए ही खर्च हो पाए हैं। सरकार ने सभी जिलों के सहायक परियोजना समन्वयकों को कड़े शब्दों में कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रदेश में प्राथमिक कक्षा में 83 हजार से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं जिन पढ़ाई के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
- इन जिलों ने एक पैसा खर्च नहीं किया :
- इंदौर को 72.88 लाख रुपए मिले जिसमें से एक भी पैसे का उपयोग नहीं हुआ।
- रतलाम को 40.40 लाख रुपए का फंड मिला जिसमें से कोई पैसा खर्च नहीं हुआ।
- खंडवा को 67.56 लाख रुपए प्राप्त हुए लेकिन खर्च बिल्कुल नहीं हुए।
- सिंगरौली को 44.22 लाख रुपए दिए गए, यहां भी इस फंड का कोई उपयोग नहीं हुआ।
इन जिलों में 10 फीसदी से भी कम राशि खर्च :
- नरसिंहपुर - 51 लाख में 4 फीसदी खर्च
- सतना - 119 लाख में 5 फीसदी खर्च
- छतरपुर - 81 लाख में 5 फीसदी खर्च
- रायसेन - 59 लाख में 7 फीसदी खर्च
- शिवपुरी - 77 लाख में 7 फीसदी खर्च
- भिंड - 60 लाख में 7 फीसदी खर्च
- ग्वालियर - 91 लाख में 8 फीसदी खर्च
- मुरैना - 102 लाख में 8 फीसदी खर्च
- विदिशा - 70 लाख में 8 फीसदी खर्च
- दमोह - 67 लाख में 8 फीसदी खर्च
- सागर - 141 लाख में 9 फीसदी खर्च
- बालाघाट - 77 लाख में 9 फीसदी खर्च
- बैतूल - 58 लाख में 10 फीसदी खर्च
इन जिलों में सबसे ज्यादा राशि खर्च :
- बुरहानपुर - 32 लाख में 74 फीसदी खर्च
- डिंडौरी - 47 लाख में 36 फीसदी खर्च
- मंडला - 53 लाख में 29 फीसदी खर्च
- हरदा - 40 लाख में 27 फीसदी खर्च
- राजगढ़ - 70 लाख में 26 फीसदी खर्च
- टीकमगढ़ - 48 लाख में 26 फीसदी
- बड़वानी - 33 लाख में 25 फीसदी
- अलीराजपुर - 34 लाख में 24 फीसदी
- नीमच - 43 लाख में 21 फीसदी
- पन्ना - 51 लाख में 21 फीसदी
सहायक परियोजना समन्वयकों को शोकॉज नोटिस :
राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी सहायक परियोजना समन्वयकों को शोकॉज नोटिस जारी कर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि उनकी उदासीनता के कारण इस फंड का उपयोग नहीं हो पाया है। नोटिस में ये भी जिक्र है कि 90 फीसदी से कम बच्चों की जानकारी का अपडेशन काम हुआ है। 80 फीसदी से कम बच्चों की जानकारी लॉक की गई है। ये सभी काम 30 नवंबर तक पूरे किए जाने थे। नोटिस में लिखा गया है कि ये स्थिति ऐसे बच्चों की शिक्षा के प्रति आपकी लापरवाही और शासकीय दायित्वों की अवहेलना का प्रमाण है। इससे जाहिर होता है कि आप ऐसे बच्चों की शिक्षा के प्रति रुचि नहीं रखते।
- सहायक परियोजना समन्वयकों को अपना स्पष्टीकरण 7 दिनों में प्रस्तुत करना है। जवाब समाधान कारक नहीं पाए जाने पर एक महीने की वेतन वृद्धि रोके जाने या एक महीने का वेतन काटे जाने पर विचार किया जाएगा। - आईरिन सिंथिया संचालक,राज्य शिक्षा केंद्र
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