फास्टैग लेन पर बिना टैग के वाहन ले जाने पर लगेगी पेनाल्टी, 49 टोल नाकों पर लागू हुआ फास्टैग
भोपाल। प्रदेश से गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर स्थिति ४९ टोल नाकों पर रविवार की रात 12 बजे से फास्टैग व्यवस्था लागू हो गई। एनएचएआई के टोल पर एक लेन को छोड़कर सभी को इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) कर दिया गया है। यदि बिना फास्टैग चिप लगा वाहन अब ईटीसी लेन से गुजरता है तो उसे दो गुना टोल देना होगा।
केन्द्र सरकार ने एक दिसम्बर से ही नेशनल हाइवे के सभी टोल नाकों को फास्टैग करने निर्णय लिया था, लेकिन पूरी तरह से तैयारी नहीं होने के कारण वाहन चालकों के लिए 15 दिसम्बर तक के लिए राहत दे दी थी। इधर मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआडीसी) ने भी स्टेट हाइवे के नाकों को फास्टैग करने की तैयार शुरू कर दी है। वर्तमान में सिर्फ इंदौर-देवास सड़क पर स्थिल टोलनाकों में केवल एक लेन को फास्टैग किया गया है।
इसके अलावा एमपीआरडीसी के अधीन ग्वालियर-भिंड-इटावा, रीवा-हनुमना, मनगवां-चाकघाट, व्यवरा से राजस्थान बार्डर नेशनल हाईवे पर स्थित टोलनाकों को भी शनिवार की रात 12 बजे से फास्टैग किया गया है। नेशलन हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक जयसवाल ने बताया कि सभी टोल संचालकों को प्रत्येक लेन में दो-दो कर्मचारी अलग से तैनात करने की सलाह दी गई है।
यह कर्मचारी वाहन चालकों से वाहनों पर फास्टैग लगाने की अपील करेंगे। वहीं उन्होंने चालकों से भी अपील की है कि टोल नाकों पर लाइन से निजात पाने के लिए वे वाहनों पर फास्टैग चिप लगाएं और उसमें पर्याप्त वैलेंस रखे।
ऐसे मिलेगा फास्टैग
फास्टैग खरीदने के लिए वाहन मालिकों को वाहन का पंजीयन, वाहन मालिक की फोटो, वाहन मालिक के केवाइसी दस्तावेज एवं एड्रेस प्रूफ के दस्तावेज देना होगा। जिन वाहनों में पहले से फास्टैग लगा हुआ है उन्हें एटिवेट कराकर उसे रिचार्ज करना पड़ेगा।
ऐसे समझे फास्टैग को ऐसे समझें
- फास्टैग रेडियो फ्रिक्वैसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) लैस स्टीकर है, जो कार, ट्रक, जीप, बस सहित अन्य वाहनों सामने वाले कांच पर लगाया जाता है।
- वाहन जब टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन में आते हैं तब टोल पर लगा सेंसर आरएफआईडी चिप पर संग्रहित आपके वाहन की जानकारी स्कैन करता है, इसके बाद नाका अपने आप खुल जाता है।
- टोल पर लगा सेंसर इस चिप को अपने अकाउंट से उचित शुल्क काट लेता है।
फास्टैग की खास बातें--
-- हर भुगतान पर ग्राहकों को 2.5 फीसदी की कैशबैक का लाभ मिलेगा।
- इलेक्ट्रानिक प्रक्रिया द्वारा वाहन चालक बिना रुके टोल भुगतान कर सकते हैं।
- समय की बचत होगी।
- टोल प्लाजा पर लंबी कतार में चालकों को अपनी बारी का इंतजार नहीं करना होगा।
-पेट्रोल, डीजल की बचत होगी, प्रदूषण भी नहीं होगा।
- इलेक्ट्रानिक भुगतान से टोल टैक्स में धोखाधड़ी शून्य हो जाएगी।
- छुट्टे पैसे की भी समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
- फास्टैग के लागू होने से पेपर रसीद, अमान्य हो जाएगी। पर्यवरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
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