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स्कूल शिक्षा विभाग का अजीब फरमान, संस्कृत के ग्रेजुएट से पढ़वाएं अंग्रेजी

भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई संस्कृत विषय के ग्रेजुएटों से कराने के निर्देश दिए हैं। इस अजीबों गरीब निर्देश से स्कूल प्राचार्य से लेकर अभिभावक तक हैरान है। उनकी हैरानी की मुख्य वजह है कि संस्कृत से पढ़ाई करने के बाद अतिथि शिक्षक अंग्रेजी कैसे पढ़ा सकेंगे। ऐसे स्थिति में प्रदेश के 38 हजार माध्यमिक और हायर सेकेंड्री शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले लाखों बच्चों की अंग्रेजी कैसे सुधर पाएंगी।

प्रदेश के शासकीय स्कूलों में मुख्य पाठ्यक्रम अंग्रेजी, गणित और विज्ञापन विषय के शिक्षकों की कमी है। इन पदों पर संविदा शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया प्रशासन स्तर पर जारी है। इसके लिए आरक्षण के रोस्टर के निर्धारण होने के बाद प्रोफेशनल एज्ञामिनेशन बोर्ड की पात्रता परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों से भर्ती की जाएगी। माध्यमिक, हाईस्कूल और हायरसेकेंड्री स्कूलों में करीब 60 हजार से अधिक पद खाली हैं।

जब तक संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है तब तक इन स्कूलों में इन विषयों की पढ़ाई अतिथि शिक्षकों से कराने के लिए कहा गया है। स्कूलों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय के लिए अतिथि शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत सुदूर अंचल के स्कूलों में है, यहां इन तीनों विषय के शिक्षकों की कमी है। इसके चलते लोक शिक्षण संचालनालय की कमिश्नर जयश्री कियावत ने स्कूलों को एक फार्मेट दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि कौन से विषय ग्रेजुएट नहीं मिलने पर कौन से विषय के अतिथि शिक्षकों की भर्ती स्कूल प्रबंधन कर सकेगा।


गणित पढ़ाएंगे जीव विज्ञान के स्नातक

विभाग ने माध्यमिक शालाओं में गणित, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के एक-एक पद स्वीकृत किए हैं। इन पदों के अनुसार स्कूलों में अतिथि शिक्षक स्थानीय स्तर पर रखे जाएंगे। इन्हीं शिक्षकों के भरोसे सभी 6 विषयों की पढ़ाई स्कूलों में कराई जाएगी। जिन स्कूलों में गणित के अतिथि अभ्यर्थी नहीं मिलेंगे, वहां जीव विज्ञान के स्नातक की भर्ती गणित पढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। संविदा शिक्षकों की भर्ती के बाद स्कूलों को नियमित शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे।

हाईस्कूल में ये लगाया फार्मूला

सभी हायर सेकेंड्री और हाईस्कूल में भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय के वर्ग-1 के 1-1 पद स्वीकृत किए गए हैं। इन पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने के लिए कहा गया है कि अगर इस वर्ग के अतिथि शिक्षक स्कूल प्रबंधन को नहीं मिलते हैं, स्नातक स्तर के अतिथि शिक्षकों को पढऩे के लिए रखा जाए। यानी कि भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय में उपयुक्त अभ्यर्थी नहीं मिलने पर 10वीं-12वीं के विद्याथियों को वर्ग- दो स्तर के अतिथि शिक्षकों से पढ़वाया जाए।

 



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