मप्र राज्य पर्यटन समिति ने वन और पर्यटन विभाग के अधिकारियों से पूछा क्यों नहीं बढ़ रहे हैं पर्याटक

भोपाल। देश के कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्न सहित अन्य नेशनल पार्क, अभयारण्य में पर्यटन बढ़ाने को लेकर मंगलवार को मंत्रालय में बुलाई गई। इस दौरान अपर मुख्य सचिव वन एपी श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी ने अधिकारियों से पूछा कि क्यों प्रदेश में पर्याटन नहीं बढ़ रहे हैं।
पर्यटन नहीं बढऩे के लिए वन अफसरों ने सड़कों की खराब स्थिति और हवाई सुविधा की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए, इसमें सुधार करने को कहा। इस पर समिति के सदस्यों ने अफसरों से कहा 'सड़क-फ्लाइट की बात मत करो, यह दूसरे विभाग से जुड़ा हुआ विषय है।" बैठक में वन अफसरों से पर्यटन बढ़ाने के लिए संरक्षित क्षेत्रों में नए क्षेत्र खोलने और वाहन धारण क्षमता (केयरिंग केपेसिटी) बढ़ाने को भी कहा गया।
राज्य सरकार प्रदेश का खाली खजाने को पर्यटक बढ़ाकर भरना चाहती है। इसे लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दो माह पहले बैठक ले चुके हैं। संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ाने में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए अपर मुख्य सचिव वन श्रीवास्तव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इस समिति की यह पहली बैठक थी। जिसमें कान्हा, बांधवगढ़ सहित अन्य पार्कों में पर्यटकों के लिए नए इलाके खोलने पर बात हुई।
वन अफसरों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षित क्षेत्रों में 20 फीसदी पर्यटन की अनुमति दी है। यदि नए इलाके खोलने हैं, तो पुराने बंद करने होंगे। इससे समिति के अन्य सदस्य (दूसरे विभागों के) सहमत नहीं हुए। वहीं वाहन धारण क्षमता बढ़ाने के मामले में वन अफसरों ने कहा कि यह पहले से बढ़ाई जा चुकी है। जानकार बताते हैं कि पार्कों में 100 से 180 वाहन चलाए जा रहे हैं। इनमें से बांधवगढ़ को छोड़कर किसी भी पार्क में कई वाहन खाली खड़े रहते हैं।
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