तीसरी बार सीएम से मिलेंगे सिंधिया, मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में अपने समर्थकों को दिला सकते हैं पद
भोपाल. ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर से भोपाल दौरे पर आ रहे हैं। सिंधिया बीते एक महीने में तीसरी बार सिंधिया का भोपाल दौरा है। सिंधिया इस दौरे में सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करेंगे। निर्धारित प्रोग्राम के अनुसार, वो मुख्यमंत्री आवास में शाम 6 बजे से 7 बजे तक सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करेंगे। इससे पहले सिंधिया के प्रोग्राम में बदलाव किया गया है। पहले उन्हें भोपाल में भाजपा कार्यालय आना था लेकिन अब वो सीहोर में पार्टी संगठन के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
एमपी प्रभारी का भी दौरा
सीहोर में पार्टी संगठन के कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव और उपप्रभारी पंकजा मुड़े भी शामिल होंगी। सिंधिया भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
संगठन में बदलाव के संकेत
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तार की चर्चाएं तेज हैं। इसकी वजह है पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का अचानक दिल्ली दौरा होना। वहीं, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भोपाल दौरा हो रहा है। राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले विष्णु दत्त शर्मा को लगभग 10 माह का वक्त गुजर गया है, मगर वे अब तक अपनी कार्यकारिणी का विस्तार नहीं कर पाए हैं।
प्रदेश कार्यकारिणी के होने वाले विस्तार को लेकर सिंधिया के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। सिंधिया अपने कुछ लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिलाना चाहते हैं, वहीं, संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों की नियुक्ति में भी अपने समर्थकों को स्थान दिलाने के प्रयासरत हैं।
सिलावट और गोविंद सिंह बन सकते हैं मंत्री
उपचुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार अपने समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। 30 नबंवर से सिंधिया अभी तक तीसरी बार भोपाल दौरे पर आ रहे हैं। वो इससे पहले भी दो बार सीएम शिवराज से मुलाकात कर चुके हैं।
इमरती देवी का हो सकता है पुनर्वास
माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रबल समर्थक इमरती देवी के चुनाव हारने के बाद उन्हें संगठन में पुनर्वास का प्रयास किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इमरती देवी को किसी आयोग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है जबकि सिंधिया समर्थक रक्षा सिरोनिया और मनोज चौधरी को संगठन में उपाध्यक्ष पद दिया जा सकता है। बता दें कि उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के 13 समर्थक चुनाव जीते हैं। जबकि उनके 6 समर्थक उपचुनाव में चुनाव हार गए हैं।
संगठन में पद को लेकर खींचतान
सिंधिया अपने नेताओं को संगठन में पद दिलाना चाहते हैं। जबकि भाजपा में अभी इस मुद्दे पर राय नहीं बन पा रही है। इसी कारण से मध्यप्रदेश में संगठन का विस्तार नहीं हो रहा है।
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