एक आदेश ने मचाई सियासी हलचल, सीएम की नाराजगी के बाद तुरंत हुआ वापस
भोपाल. मध्यप्रदेश में शराब को लेकर छिड़े सियासी संग्राम के बीच एक आदेश ने और हलचल बढ़ा दी। ये आदेश आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे की ओर से जारी किया गया था और प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर को भेजा गया था। लेकिन जैसे ही सीएम शिवराज सिंह चौहान को इस आदेश के बारे में पता चला तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की और फिर तुरंत ही आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया।
एक आदेश जो आया और निरस्त हुआ
दरअसल मध्यप्रदेश के आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे ने गुरुवार की रात प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में कलेक्टरों से उनके जिलों में नई शराब दुकानें खोले जाने को लेकर प्रस्ताव मांगा गया था। आदेश में लिखा कि शहरी क्षेत्र में कम से कम 20% नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव दें। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शराब की दुकानें नहीं हैं वहां के लिए प्रस्ताव अनिवार्य रूप से भेजे जाएं। एक तरफ जहां प्रदेश में पहले ही शराब की नई दुकानें खोले जाने के प्रस्ताव को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ था और सरकार विपक्ष के साथ ही अपनों के विरोध के सुरों से घिरी हुई थी ऐसे में इस आदेश ने और भी हलचल बढ़ा दी। सीएम शिवराज पहले ही ये बात कह चुके थे कि प्रदेश में शराब की नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी ऐसे में जब आबकारी आयुक्त की तरफ से आदेश जारी होने की बात पता चलते ही सीएम ने नाराजगी व्यक्त की। सीएम की नाराजगी का असर ये हुआ कि आबकारी आयुक्त ने कुछ घंटों के अंदर ही अपने आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
उमा भारती ने उठाई प्रदेश में शराबबंदी की मांग
बता दें कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की तरफ से प्रदेश में नई शराब दुकानें खोले जाने के प्रस्ताव को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती ने भी विरोध जताया है। गुरुवार को एक के बाद एक ट्वीट कर प्रदेश में शराबबंदी की मांग करने वाली उमा भारती ने शुक्रवार को भी एक बार फिर से न केवल प्रदेश में शराबबंदी की मांग की बल्कि ये तक कहा कि शराबबंदी के बाद राजस्व पूर्ति कैसे की जा सकती है जरुरत पड़ने पर वो उसे भी बता सकती हैं। उमा ने आगे कहा कि प्रदेश में 15 फीसदी दुर्घटनाएं होती हैं इस 15 फीसदी में 99.9 फीसदी दुर्घटनाएं शराब के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ही नहीं देश भर में माफिया सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि मैंने यूपी में योगी जी से फोन पर शराब बंदी की बात की है। यूपी में मंदिर के आस-पास कई जगह शराब की बंदी की गई है। माफिया पूरे देश में सक्रिय हैं। शराब, रेत, पावर माफिया, कंस्ट्रक्शन माफिया, उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि जो इनका विरोध करे वो विकास विरोधी है। माफिया अपने पूरे तंत्र में फैले हैं। माफिया की निष्ठा मुनाफे से है किसी राजनिकीक दल से नहीं, हर दल के समय ये मुनाफे से ही मतलब रखते हैं। बता दें कि इससे पहले बुधवार को भी उमा भारती ने एक के बाद एक आठ ट्वीट कर प्रदेश में शराबबंदी की मांग उठाई थी और ये तक कहा था कि राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराब बंदी नहीं होने देता है।
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