सिंधिया स्टेट में गणपति का मंदिर : जहां मिलता है मनचाहा वर, लेक‍िन चढ़ाना होता है एक खास फल - Web India Live

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सिंधिया स्टेट में गणपति का मंदिर : जहां मिलता है मनचाहा वर, लेक‍िन चढ़ाना होता है एक खास फल

मनचाहा वर पाने के लिए वैसे तो कई देवी देवताओं की उपासना की जाती है। लेक‍िन क्या आपको पता है कि श्री गणेश जो बुद्धि के दाता हैं और रिद्धि-सिद्धि के स्वामी हैं। उनकी भी तो मनचाहे वर के ल‍िए उपासना की जाती है, वहीं सबसे खास बात तो ये है कि उनकी ये उपासना विधि काफी सरल और सहज है। ऐसे में हम आपको आज एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जिसके संबंध में मान्यता है कि यहां कुंवारी कन्‍याएं मनचाहा वर पाने की अर्जी लगाती हैं।

जी हां, आज हम ज‍िस मंद‍िर की बात कर रहे हैं वह बप्‍पा का ही मंद‍िर है और वहां कुंवारी कन्‍याएं मनचाहा वर पाने की अर्जी लगाती हैं। कहते हैं यहां गणेशजी झट से यह मुराद पूरी भी कर देते हैं। लेक‍िन इसके ल‍िए एक खास वस्‍तु भी उन्हें अर्पित करनी पड़ती है। आइए जानते हैं इस अद्भुत मंद‍िर की कथा और किस व‍िशेष वस्‍तु के अर्पण से मनचाहे लड़के से शादी हो जाती है।

यह मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील में स्‍थापित है। शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील के किले में बसा प्राचीन गणेश मंदिर जो लगभग 200 वर्ष प्राचीन है पोहरी दुर्ग सिंधिया स्टेट के अंतर्गत आता था जो उस समय के जागीरदारनी बाला बाई सीतोले हुआ करती थीं। उन्होंने 1737 में इस मंदिर का निर्माण कराया था।

यह मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर हैं। मंद‍िर का नाम इच्छापूर्ण गणेशजी है। बप्‍पा यहां अपने नाम के अनुरूप मंदिर में आने वाले हर भक्‍त की मुराद पूरी करते हैं। बप्‍पा को यहां श्रीजी के नाम से पुकारते हैं।

श्रीजी के मंद‍िर में तो सभी की मुरादें पूरी हो ही जाती हैं। लेक‍िन कुंवारी युवतियां भी यहां अपने मनचाहे वर की कामना पूर्ति के ल‍िए आती हैं। कहते हैं क‍ि बप्‍पा इस मंद‍िर में आने वाली हर कन्‍या को उसका मनचाहा वर देते हैं। लेक‍िन इसकी एक परंपरा है, उसके मुताब‍िक ही युवत‍ियां बप्‍पा के सामने खड़े होकर अपने मनचाहे वर के गुणों का बखान करती हैं। इसके बाद उसे अपने वर के रूप में पाने की प्रार्थना करती हैं। कहते हैं क‍ि गणपत‍ि युवत‍ी की मुराद झट से पूरी कर देते हैं।

बता दें क‍ि पोहरी दुर्ग सिंधिया स्टेट के अंतर्गत आता था। उस समय की जागीरदारनी बालाबाई सीतोले हुआ करती थीं। उन्होंने ही 1737 में इस मंदिर का निर्माण कराया था। बता दें क‍ि इस मंदिर में जो दिव्य प्रतिमा स्थापित है वह पुणे से स्वयं बाला भाई साहिब लेकर आई थीं। ज्ञात हो क‍ि मंद‍िर में प्रत‍िमा इस तरह स्‍थाप‍ित की गई क‍ि बालाबाई साहिब सितोले को अपनी ख‍िड़की से बप्पा के दर्शन होते थे।

श्रीजी के इस मंद‍िर को लेकर मान्‍यता है क‍ि जो भी भक्‍त यहां स्‍थापित बप्‍पा की मूर्ति को एक बार आंख भरकर देख लेते हैं। उनके मन में छिपी इच्‍छा बप्‍पा के सामने अपने आप ही जाह‍िर हो जाती हैं। यान‍ि की बप्‍पा की मनमोहक छव‍ि भक्‍त को अपने मन की बात कहने पर व‍िव‍श कर देती है। तब बप्‍पा अपने भक्‍त की मुराद पूरी कर उनकी झोली भर देते हैं। मान्‍यता है क‍ि कुंवारी कन्‍याएं यहां बप्‍पा को श्रीफल अर्पित करती हैं तो ज‍िस भी वर की कामना उनके हृदय में हो वह पूरी हो जाती है।

गणेश मंदिर को पहले से ही इच्छा पूर्ति मंदिर माना जाता था, वहीं आज भी इस मंदिर में जो भी भक्त लोग नारियल रखकर जो मनोकामना मांगते है वो पूरी हो जाती है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में बसा होने के बाद भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है इस कारण देश के तो भक्त आते ही है विदेश से भी भक्तों का यहां आना लगा रहता है।

मान्यता: नारियल रखने से लड़कियों की हो जाती है जल्दी शादी:
पोहरी इच्छा पूर्ति गणेश मंदिर जी में स्थानीय लोगो की मान्यता अधिक है और बाहर से भी लोग यहां दर्शन करने एवं मनोकामना मांगने आते हैं पोहरी गणेश मंदिर की विशेषता है कि यहां कुंवारी लड़की शादी के लिए नारियल रख देती है तो उनकी शादी जल्दी हो जाती है।



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