नया प्रयोग: मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा संयंत्रों में सौर ऊर्जा भी बनेगी
भोपाल. नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि प्रदेश में जल्दी ही पवन ऊर्जा संयंत्र स्थलों पर सोलर ऊर्जा पैनल्स भी लगाए जायेंगे। इससे दिन में सौर ऊर्जा और रात में पवन ऊर्जा मिलेगी, जो मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मंत्री डंग ने यह बात नवकरणीय ऊर्जा नीति के प्रारूप की समीक्षा करते हुए कही।
देश में इस साल सबसे अधिक सोलर पार्क स्वीकृति मध्यप्रदेश के लिये
मंत्री डंग ने बताया कि देश में इस वर्ष सबसे अधिक सोलर पार्क मध्यप्रदेश के लिये स्वीकृत हुए हैं। देश में इस वर्ष स्वीकृत 18 हजार मेगावॉट के सोलर पार्कों में से 5 हजार मेगावॉट के सोलर पार्क अकेले मध्यप्रदेश के लिये स्वीकृत हुए हैं। इनमें 1500 मेगावॉट का आगर-शाजापुर-नीमच सोलर पार्क, 600 मेगावॉट का ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पार्क, 950 मेगावॉट का छतरपुर सोलर पार्क और 1400 मेगावॉट का मुरैना सोलर पार्क शामिल है।
यह सभी पार्क 2022-23 में पूर्ण हो जायेंगे। रीवा-2, छतरपुर, मुरैना, सागर और रतलाम सोलर पार्क के लिये ज़मीन चिन्हित कर ली गयी है। सभी निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में विभिन्न स्तरों पर काम जारी है। नवकरणीय ऊर्जा नीति आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश पर केन्द्रित होगी।
डंग ने नवकरणीय ऊर्जा नीति के उद्देश्य, आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश का नवकरणीय ऊर्जा में अग्रणी योगदान, रोजगार अवसरों का सृजन, नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के साथ देश में राज्य को प्रमुख नवकरणीय ऊर्जा निर्यातक के रूप में स्थापित करना, ऊर्जा सुरक्षा, निवेश और विभिन्न परियोजनाओं को प्रोत्साहन आदि की समीक्षा की।
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