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दमोह में कांग्रेस कर रही बूथ पर माइक्रो मैनेजमेंट

भोपाल : दमोह विधानसभा सीट अब कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र बन गई है। 28 विधानसभा उपचुनाव में महज 9 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने अब पूरा फोकस दमोह पर कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इस सीट को जीतने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते। कांग्रेस दमोह में बूथ पर माइक्रो मैनेजमेंट कर रही है। इसके लिए उन्होंने दो महीने पहले से विधायक संजय यादव और पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी को जिम्मा सौंप दिया था। इन दोनों नेताओं ने बूथ पर फोकस कर काम किया है। इस संबंध में पूरी रिपोर्ट उन्होंने कमलनाथ को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही कमलनाथ बूथ में और कसावट लाकर वहां का माइक्रो मैनेजमेंट कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया की टीम को भी काम पर लगा दिया है।

हर बूथ पर युवा,महिला और सोशल मीडिया की टीम :
दमोह विधानसभा क्षेत्र में 360 बूथ हैं। इसके अलावा जहां पर एक हजार से ज्यादा मतदाता होंगे वहां पर कुछ सब बूथ भी बनाए जा सकते हैं। कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर बूथ मैनेजमेंट कर रहे हैं। उन्होंने बूथ वार रिपोर्ट तैयार करवाई है। हर बूथ पर दस यूथ के अलावा दस महिला कार्यकर्ताओं को तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा वोटरों को बूथ तक ले जाने का जिम्मा अलग टीम को दिया गया है। बूथ के उपर मंडलम और सेक्टर की टीमें तैनात की जा रही हैं। उनसे संपर्क ब्लॉक कमेटी और जिला कमेटी रखेगी। कमलनाथ खुद बूथ से लेकर सेक्टर,मंडलम के कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं।

सोशल मीडिया ने संभाला मोर्चा :
सोशल मीडिया की टीम ने भी दमोह में मोर्चा संभाल लिया है। हर बूथ पर सोशल मीडिया का एक कार्यकर्ता तैनात किया जा रहा है। इसकी मॉनीटरिंग भोपाल से सोशल मीडिया की टीम कर रही है। विधानसभा स्तर पर भी एक दर्जन कार्यकर्ताओं की टीम को तैनात किया जा रहा है। बिकाउ मुद्दे को भले ही 28 उपचुनाव में ज्यादा महत्व नहीं मिला हो फिर भी राहुल सिंह के खिलाफ दोबारा सोशल मीडिया पर ये मुद्दा उठाया जा रहा है।

टंडन कर रहे राहुल की कमजोरियों पर फोकस :
भितरघात रोकने के लिए भी कमलनाथ ने पूरी तैयारी कर ली है। अजय टंडन के साथ टिकट के मजबूत दावेदार रहे मनु मिश्रा को जिला अध्यक्ष बना दिया है। अजय टंडन से राहुल सिंह की उन कमजोरियों पर फोकस करने को कहा गया है जो उन्हें चुनाव में फायदा दिला सकती हैं। अजय टंडन इस बात को बखूबी जानते हैं कि राहुल सिंह की ताकत क्या है और कमजोरी क्या है। कांग्रेस की नजर जयंत मलैया और उनके पुत्र सिद्धार्थ पर भी है।



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