ऑटो से थाने पहुंचा बोला- सर मैं आकाश दुबे...रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी में पुलिस कर रही थी तलाश
भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की पुलिस जिस तस्कर की तलाश बीते 12 दिनों से कर रही थी उसने खुद ही थाने में सरेंडर कर दिया। तस्कर का नाम आकाश दुबे है जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में शामिल था। जेके अस्पताल में काम करने वाला आकाश दुबे खुद ऑटो से थाने पहुंचा और वहां मौजूद ड्यूटी अधिकारी से कहा सर मैं आकाश दुबे हूं। जिसके बाद पुलिसकर्मी हरकत में आए और उसे गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि आकाश पर पुलिस ने साढे सात हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
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ये है मामला
भोपाल की कोलार पुलिस ने 13 मई की रात कुछ संदिग्धों को पकड़ा था। आरोपियों की पहचान अंकित सलूजा निवासी सिग्नेचर रेसीडेंसी कोलार, दिलप्रीत ऊर्फ नानू सलूजा और आकाश सक्सेना निवासी ग्रीन मिडोज अरेरा हिल्स के तौर पर हुई थी। पकड़े गए सभी आरोपी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त थे। और उनके पास से 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त हुए थे। तफ्तीश में आकाश दुबे का नाम भी सामने आया था, आकाश जेके अस्पताल में काम करता था। तब पकड़े गए आरोपी अंकित ने बताया था कि उसने जेके अस्पताल में काम करने वाले आकाश दुबे से पहले 25 हजार रुपए में एक रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदा था और फिर बाद में 60 हजार रुपए में 12 हजार रुपए प्रति नग इंजेक्शन के हिसाब से पांच और इंजेक्शन खरीदे थे जिसका पैसा ऑनलाइन आकाश के खाते में ट्रांसफर किया था। इतना ही नहीं 16 हजार रुपए प्रति नगर के हिसाब से भी आकाश से 80 हजार रुपए कैश देकर अंकित ने आकाश से इंजेक्शन खरीदने की बात बताई थी। इसके बाद से ही पुलिस आकाश की तलाश में जुटी हुई थी लेकिन वो फरार हो चुका था। पुलिस आरोपी आकाश पर साढ़े 7 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था लेकिन इससे पहले कि पुलिस उस तक पहुंच पाती 12 दिन बाद खुद आकाश ने थाने में आकर सरेंडर कर दिया।
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