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डिविजनल मैनेजर समेत चार लोगों को सीबीआई ने पकड़ा, दिल्ली की कंपनी से मांग रहे थे रिश्वत

भोपाल। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया (FCI) के भोपाल स्थित कार्यालय के डिविजनल मैंनेजर समेत चार साथियों को गिरफ्तार किया है। यह सुरक्षा एजेंसी के बिलों के भुगतान के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए। सुरक्षा एजेंसी का मुख्यालय गुरुग्राम में है।

 

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एजेंसी ने शिकायत की थी कि रिश्वत नहीं देने पर बिलों का भुगतान रोक दिया था। इस पर सीबीआइ ने कार्रवाई की। सूत्रों के मुताबिक गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंडसंस को जनवरी में गार्ड की तैनाती के लिए 11.30 लाख रुपए प्रतिमाह पर टेंडर मिला था। एफसीआइ के अधिकारी एजेंसी से प्रतिमाह 10 फीसदी कमीशन मांग रहे थे। पैसे न मिलने पर बिलों का भुगतान रोक दिया गया था। एजेंसी के आला अफसरों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला और रिश्वत मांगी जाती रही। गुरुवार को शिकायत सीबीआइ को कर दी गई। सीबीआइ ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए शुक्रवार शाम को एक लाख रुपए लेने के लिए मैनेजर (अकाउंट) को भोपाल के माता मंदिर क्षेत्र में बुलाया गया। रिश्वत की राशि लेने के बाद एफसीआइ के डिविजनल मैनेजर हर्ष इनायका, मैनेजर (अकाउंट) अरुण श्रीवास्तव, मैनेजर (सिक्योरिटी) मोहन पराते और क्लर्क किशोर मीणआ को गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार देर रात तक सीबीआइ की जांच जारी थी।

 

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ऐसे गिरफ्त में आए चारों

  • सीबीआइ ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह रुपए लेकर एफसीआई अधिकारियों से संपर्क करें।
  • एफसीआई के अकाउंट्स मैनेजर ने कंपनी के मैनेजर को भोपाल के माता मंदिर मोहल्ले में रुपए लेकर बुलाया।
  • मैनेजर रिश्वत के रुपए लेने एफसीआई की सुरक्षा शाखा के प्रबंधक को भी साथ ले आया। जैसे ही उन्होंने रुपए अपने हाथों में लिए, उन्हें सीबीआई अधिकारियों ने दबोच लिया।
  • पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वह एफसीआई के डिविजनल मैनेजर के इशारे पर रुपए जमा कर रहे थे।
  • सीबीआई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि के लिए उनसे अपने फोन को स्पीकर मोड पर रखकर डिविजनल मैनेजर को कॉल करने के लिए कहा।
  • फोन उठाते ही अकाउंट मैनेजर से क्लर्क को रुपए सौंपने के लिए कह दिया। उनका इतना कहना था कि चारों आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के गिरफ्तार कर लिया गया।

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