रात भर लिफ्ट में फंसी रही महिला, सुबह बेहोश मिली, फोन में नहीं था नेटवर्क
भोपाल। कोरोना मरीजों की सेवा कर रही महिला कर्मचारी रातभर जब घर नहीं पहुंची तो परिजन घबरा गए। फोन भी बंद था, पूरी रात परिजन अनहोनी की आशंका में परेशान होते रहे। सुबह घबराए परिजन अस्पताल पहुंचे। ढूंढने पर महिला बंद लिफ्ट में बेहोश मिली। घटना हमीदिया अस्पताल की है, जिससे अस्पताल की लचर व्यवस्था और लापरवाही का पोल खुल रही है।
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फोन में नहीं था नेटवर्क
जानकारी के मुताबिक डी ब्लॉक में काम करने वाली महिला कर्मचारी सुषमा सोमवार रात ड्यूटी खत्म कर घर जा रही थी। छठवें फ्लोर से नीचे जाने के लिए लिफ्ट में आई तो एक मंजिल नीचे आते ही लिफ्ट बंद हो गई। सुषमा ने लिफ्ट का इंमरजेंसी अलार्म भी बजाया, लेकिन वह काम नहीं आया। मोबाइल नेटवर्क ना मिलने के कारण वह किसी को फोन भी नहीं लगा पाई।
अस्पताल पहुंचे परिजन
इधर, रात को महिला घर नही पहुंची तो परिजनों को लगा कि नाइट ड्यूटी लग गई होगी लेकिन सुबह भी महिला घर नहीं पहुंची तो परिजन घबराकर अस्पताल पहुंचे। इस पूरे मामले में प्रोजेक्ट मैनेजर, क्यूब कंस्ट्रक्शन बिंगेश श्रीवास्तव का कहना है कि हमने डी ब्लॉक में कोविड मरीज भर्ती होने के पहले ही यह लिखकर दिया था कि लिफ्ट का संचालन जीएमसी प्रबंधन कराए। इसका खर्च हम देंगे। लिफ्ट में ऑपरेटर होना चाहिए था। महिला कैसे फंसी, यह जांच का विषय है।
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