Jagrat Mahadev: 11 क्विंटल फूलों से सजे केदारनाथ मंदिर के सुबह 5 बजे खुले कपाट, अभी गर्भ गृह में जाने की अनुमाति नहीं - Web India Live

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Jagrat Mahadev: 11 क्विंटल फूलों से सजे केदारनाथ मंदिर के सुबह 5 बजे खुले कपाट, अभी गर्भ गृह में जाने की अनुमाति नहीं

दुनिया के एकमात्र जागृत महादेव यानि केदारनाथ के कपाट सोमवार, 17 मई 2021 की सुबह 5 बजे खोल दिए गए। जानकारी के अनुसार आज सुबह केदारनाथ के रावल भीमाशंकर-लिंग और मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश-लिंग सहित प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर के कपाट खोले गए। इस समय यहां कुल करीब 53 लोग ही मौजूद रहे।

वहीं तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट भी आज खोले जाएंगे। यहां के कपाट दोपहर 12 बजे कर्क लग्न में खोले जाएंगे। बताया जाता है कि यहां भी देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। लेकिन, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अभी श्रद्धालुओं को धाम में जाने की अनुमति नहीं है।

देवस्थानमं बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के अनुसार सरकार और देवस्थानमं बोर्ड द्वारा कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए विधि-विधान से केदारनाथ के कपाट आज सुबह खोले गए। फिलहाल किसी को भी मंदिर के गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं है। केदारनाथ के रावल और मुख्य पुजारी की देख-रेख में मंदिर के कपाट खोले गए।

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इससे पहले प्रमुख ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया, जिसके बाद यहां के कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद आज सुबह 5 बजे काफी कम लोगों की मौजूदगी में खोले गए। कोराना संकट के बीच ये दूसरी बार हुआ जब कपाट खुलने पर बाबा के दरबार में भक्तों की संख्या काफी कम थी।

इस दौरान भगवान शंकर की मंत्रमुग्ध करने वाली धुनों से केदारपुरी में वातावरण भक्तिमय बन गया। केदारनाथ मंदिर के मुख्य द्वार खुलने के बाद कोरोना को देखते हुए आम भक्तों का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

वहीं बताया गया है कि श्री केदारनाथ धाम में प्रथम रूद्राभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से जनकल्याण की कामना के तहत की गयी। कोरोना महामारी को देखते हुए चारधाम यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित है धामों में केवल पूजापाठ संपन्न हो रही है, जबकि यात्रियों को यहां आने की अनुमति नहीं है।

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कपाट खुलने के दौरान ये थे मौजूद...
केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने के वक्त केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी बागेश लिंग, 21 तीर्थपुरोहित, देवस्थानम बोर्ड के 14 कर्मचारी,जिलाधिकारी मनुज गोयल, सीओ गुप्तकाशी अनिल मनराज, चौकी इंजार्च मंजुल रावत, 6 कांस्टेबल, 2 महिला कांस्टेबल, 4 मंदिर सुरक्षा गार्ड के कर्मी मौजूद रहे।

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ( Uttarakhand Chief Minister ) ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार सुबह पांच बजे से विधि विधान के साथ पूजा अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाट उद्घाटन किया गया। मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं।

18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट कल यानि 18 मई को को ब्रह्म मुहूर्त में सवा चार बजे खुल जाएंगे। पिछले साल 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए गए थे।

कब बंद हुए थे केदारनाथ के कपाट...
मंदिरों के कपाट खुलने की श्रेणी में इससे पहले 2020 में भी हर वर्ष शीतकाल में कपाट बंद किए जाने की प्रक्रिया के तहत बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के चलते बंद किए गए थे।

वहीं केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज 2020 यानि 16 नवंबर को सुबह 8.30 बजे बंद किए गए थे। इसके साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी भैयादूज के अवसर पर 16 नवंबर को ही पूर्वाह्न में बंद किए गए थे। जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 15 नवंबर पूर्वाह्न में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 19 नवंबर को प्रात: 7 बजे बंद हुए, जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर 11.30 बजे बंद किए गए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विजयदशमी को भगवान श्री बदरीविशाल जी के कपाट बंद की घोषणा पंचांग गणना द्वारा तय की जाती है।

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