सात कमरों का घर फिर भी बेटी के घर रहने को मजबूर थी मां, एक महीने में दोनों बेटे खाली करें घर
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भोपाल. 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला अब अपने घर के पांच कमरों को किराए से उठाकर भरण पोषण करेगी। उन्हें न तो किसी के आगे हाथ फै लाने की जरूरत पड़ेगी न किसी से रुपए मांगने की। दोनों बेटों को एक महीने के अंदर घर खाली करना होगा। ये फै सला एसडीएम गोविंदपुरा मनोज वर्मा ने भरण पोषण के तहत लगाए गए एक आवेदन की सुनवाई के बाद दिया। बुजुर्ग महिला को भी अब बेटी के यहां रहने की आवश्यकता नहीं होगी। घर में कुल सात कमरे हैं जिनमें से वह दो में रहेगी और बाकी के किराए से ही वे अपना दवा और खर्च चलाएंगी।
आवेदिक लक्ष्मी बाई पत्नी दुर्गा प्रसाद निवासी कुमार टेलर्स की गली, पीपल चौराहा ने एसडीएम गोविंदपुरा के यहां आवेदन करते हुए बताया था कि उनका एक मकान जो 900 वर्गफीट में बना है। जिसे 1989 में खरीदा था। इसके बाद दो कमरे ऊपर और बनाए थे। बड़े बेटे द्वारा मारपीट करने के बाद लक्ष्मी अपनी बेटी के साथ रह रही हैं। बेटा लगातार मकान को अपने नाम कराने के लिए दबाव डालता रहता है, आए दिन झगड़ा करता है। छोटा बेटा भी उसी घर में रहता है। सुनवाई के दौरान एसडीएम ने एबड़े बेटे दीपक को बयान के लिए बुलाया।
दीपक ने बताया कि मकान जिस प्लॉट पर बना है वह उसी ने खरीदकर अपनी मां के नाम रजिस्ट्री कराई थी और अपनी आय से ही वह मकान बनवाया। वह मकान जिसमें बहन और फिलहाल उनकी मां रहती हैं उसे भी सभी ने मिलकर खरीदा है। दीपक ने अपने छोटे भाई मोहन जो पेशे से वकील है, उस पर आरोप लगाया है कि वह उनकी मां को भड़काता रहता है। दीपक ने बताया कि उसने अपनी पे स्लिप के बैंक खाते में मां को ही नॉमिनी बना रखा है। अगर उसे मां को परेशान करना होता तो ऐसा क्यों करता। एसडीएम ने सुनवाई के बाद दोनों बेटों को घर खाली करने का आदेश सुनाया।
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