हड़ताल के बाद जूडा ने नहीं मांगी माफी तो नाराज विभाग ने दी रजिस्ट्रेशन रद्द करने की धमकी
भोपाल. प्रदेशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एक बार फिर आंदोलन और हड़ताल का संकट आ सकता है। इस बार आंदोलन की वजह जूडा की कोई मांग नहीं बल्कि चिकित्सा शिक्षा विभाग का ही एक आदेश बनेगा। दरअसल मंगलवार देर रात आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि करीब दो माह पहले हड़ताल से वापस नहीं लौटने वाले चिकित्सक 10 जून को अनुशासनात्मक समिति के सामने उपस्थित हुए थे। इस दौरान उपस्थित किसी चिकित्सक ने हड़ताल में भाग लेने पर लिखित या मौखिक रूप से खेद व्यक्त नहीं किया। ना ही आचरण से ऐसा प्रतीत हुआ। यही नहीं किसी चिकित्सक ने दोबारा हड़ताल न करने का वचन दिया गया। इसके विपरीत चिकित्सकों ने बार बार यही कहा कि उच्च न्यायालय ने कठोर निर्णय नहीं लेने के आदेश दिए हैं।
पत्र में कहा गया है कि ऐसे में डॉक्टरों के खिलाफ कोई कठोर निर्णय लेते हुए चिकित्सकों की हठधर्मिता और अनुशासनहीनता के लिए मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन न कराने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन से सुझाव मांगा है। यही नहीं जब तक वहां से जवाब नहीं आता इन चिकित्सकों का मप्र मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं होगा।
हो सकता है बड़ा आंदोलन
हड़ताल में भाग लेने वाले चिकित्सकों को व्यक्तिगत भेजे गए पत्र के बाद अब जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन आंदोलन कर सकता है। जूडा के सचिव डॉ.़ हरीश पाठक ने बताया कि वे इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले हड़ताल खत्म होने के बाद अब अधिकारी इसे व्यक्तिगत मुद्दा बना रहे हैं। अगर इस पत्र को खारिज नहीं किया जाता है तो वे कड़ा कदम उठाएंगे, जिसमें हड़ताल भी शामिल हो सकती है। यही नहीं जूडा पर कार्रवाई होने पर मेडिकल टीचर्स आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। एक बार फिर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड सकता है।
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