MP में ये हैं सांप की खतरनाक प्रजातियां, बारिश में बिल से आ जाते है बाहर, काटने पर तुरंत करें ये उपाय
भोपाल। लगातार कई दिनों तक बारिश होने के बाद सांपों के बाहर निकलने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। हर साल मानसून के दौरान प्रदेश में सांप काटने के कई मामले सामने आते है। सांप काटने की ज्यादातर घटनाएं गांव में होती है। बहुत से गांव और देहातों में सांप काटने का इलाज मौजूद न होने पर लोगों को घरेलू उपचार करने पड़ते हैं।
मध्यप्रदेश में सांपों की प्रजातियां
बताया जाता है कि सांप लोगों को बिना मतलब नहीं डंसते। खतरा महसूस होने पर सेल्फ डिफेंस में डंसते हैं। भारत में सांप की 276 प्रजाति हैं। इसमें से 36 प्रजाति मप्र में हैं। एक्सपर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में पाया जाने वाला रसल वाइपर सांप सबसे जहरीला होता है। इसके काटने से खून की नलियां जगह-जगह पंक्चर हो जाती है। सबसे पहले इसका असर नाजूक अंगों किडनी, हार्ट व फेफड़े की खून की नलियों पर पड़ता है।
साथ ही यहां पर ब्लैक कोबरा, करैत सांप, स्केल्ड वाइपर सांपों की खतरनाक प्रजातियां पाई जाती है। वनों में पाया जाने वाला सांप मानव बस्तियों के आसपास रहना पसंद करता है। इसका जहर हिमोटॉक्सिक होता है।
घर में सांप घुस आए तो क्या करें
-यदि घर में सांप घुस आए तो सभी तरफ मिट्टी तेल या फिनाइल छिड़क दें, उसकी स्मेल सूंघकर सांप खुद-ब-खुद बाहर निकल जाएगा।
-एक लंबा डंडा लेकर सांप के सामने रखें, सांप उसमें चढ़ जाएगा इसके बाद उसे उठाकर बाहर निकालें और घर से दूर ले जाकर छोड़ दें।
-सांप एक ऐसा जीव है जो दीवार/बाउंड्री के किनारे रेंगता है, जिस जगह पर सांप हो उससे थोड़ी दूर पर पाइप से बोरा बांधकर रख दें, सांप जब बोरे में घुस जाए तो बोरा बांधकर दूर जंगल में ले जाकर छोड़ दें।
सांप के काटने पर क्या करें
- किसी व्यक्ति को सांप काटने पर सबसे पहले उसे सीधा लेटा दें, और बिना विलंब किए जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने का प्रयास करें।
- सांप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें। ताकि सांप का हुलिया बताने से चिकित्सक को इलाज करने में आसानी हो।
- सांप के काटने पर पीड़ित को शांत रहना चाहिए, पैनिक करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे जहर तेजी से शरीर में फैलता है। इसलिए मेडिकल मदद के पहुंचते तक पीड़ित को शांत रहना चाहिए।
- शरीर के जिस हिस्से पर सांप ने काटा हो उसे स्थिर रखें।
- सांप काटने के बाद घाव को धोने, घरेलू इलाज करने में समय नष्ट करने की बजाए उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं।
- काट कर चूसने जैसे उपाय न करें, न ही दबाव डालने वाली पट्टी बांधें। ये दोनों बिलकुल भी कारगर नहीं हैं।
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