देर रात महिलाओं को खदेड़ा, 27 पर केस
भोपाल. चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं दिए जाने के मामले में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने आए प्रदेशभर के चयनित शिक्षकों को पुलिस ने बुधवार रात बरसते पानी के बीच खदेड़ दिया। महिलाओं धरना स्थल से उठाकर वाहनों में भरकर ले गए। 27 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में उच्च माध्यमिक, माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को चलते तीन साल पूरे होने वाले हैं। स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के स्कूलों में 30594 पदों पर भर्ती होना है। तीन साल में परीक्षा, परिणाम, चयन सूची व सत्यापन जैसी हर कार्रवाई को पूरा कराने उम्मीदवारों को परेशान होना पड़ा, जगह-जगह प्रदर्शन किए गए। अब जब नियुक्ति पत्र जारी होने हैं तो न्यायालयीन कार्रवाई का हवाला देकर नियुक्ति अटकाई जा रही है। इससे नाराज करीब चार हजार चयनित उम्मीदवार चयनित शिक्षक संघ मप्र के बैनर तले सुबह 8.30 बजे से रैली निकालकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गए। बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवार भी शामिल थीं।
लोक शिक्षण संचालक एके द्विवेदी और अपर संचालक डीएस कुशवाह ने मौके पर जाकर उम्मीदवारों से चर्चा की और कहा, न्यायालयीन प्रक्रिया के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी होंगे।
कोर्ट के नाम से हमें गुमराह कर रहे
रतलाम से आयी सुधा बोरासे का कहना है, बीते तीन साल से हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है। मेरे पति नहीं हैं, परिवार की जिम्मेदारी मेरे ही ऊपर है। होशंगाबाद की आरती जाधव ने बताया, पिता किसान हैं। कर्जा लेकर बीएड किया, आज भी ब्याज दे रही हूं। इंदौर की अर्पित जैन का कहना है हमें कोर्ट के नाम से गुमराह किया जा रहा है। शुजालपुर के प्रकाश परमार ने बताया, मैं प्राइवेट स्कूल में शिक्षक था, मेरिट में आने के बाद स्कूल ने रिलीव कर दिया, पर नियुक्ति पत्र नहीं मिला है।
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