जम्मू-कश्मीर में 8 भ्रष्ट अधिकारियों को किया गया बर्खास्त
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि सरकार ने 8 भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है। सभी अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पाए गए थे, जिसके बाद सभी कर्मचारियों को जम्मू कश्मीर सिविल सेवा विनियम के अनुच्छेद 226 (2) के तहत निकाला गया है।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
जानकारी के मुताबिर जम्मू-कश्मीर सरकार ने रवींदर कुमार भट, मोहम्मद कासिम वानी, नूर आलम, मोहम्मद मुजीब-उर-रहमान, डॉक्टर फयाज अहमद, गुलाम मोही-उद-दीन, राकेश कुमार, परषोत्तम कुमार को सेवा से बर्खास्त किया है। बता दें कि 2015 में सतर्कता विभाग द्वारा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) के मिशन डायरेक्टर रवींदर कुमार भट के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद भी उन पर भष्टाचार के कई आरोप लगे हैं।
वहीं नूर आलम, उप सचिव, एआरआई और प्रशिक्षण विभाग को कथित तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के लिए भारी संपत्ति जमा करने के लिए बर्खास्त कर दिया गया। मोहम्मद मुजीब उर रहमान घासी के रूप में पहचाने जाने वाले एक अन्य सरकारी कर्मचारी को तब बर्खास्त कर दिया गया था जब यह पाया गया था कि सहकारिता विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक गैर-मौजूद सहकारी समिति के पक्ष में 223 करोड़ रुपए की लोन राशि की सुविधा प्रदान की थी।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पहले भी इस तरह की कार्रवाई कर चुकी है। बता दें कि 16 अक्टूबर को पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी के पोते और डोडा के एक शिक्षक को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का कथित तौर पर साथ देने के लिए सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। अब बर्खास्त किए गए कर्मचारी अपनी बर्खास्तगी को केवल जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं।
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