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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-विद्यार्थी गणित के साथ नहीं पढ़ सकेंगे यह विषय

गिरीश उपाध्याय

भोपाल. हेलो, मैं उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान से बोल रहा हूं। आपने उत्कृष्टता संस्थान में बीए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) के साथ गणित विषय में प्रवेश लिया है। अब आप अर्थशास्त्र के साथ गणित नहीं पढ़ सकते। आपको गणित के स्थान पर कोई अन्य विषय कला संकाय से चुनना होगा। विद्यार्थी का जवाब - ऐसा क्यों हो रहा है? हमें तो अर्थशास्त्र के साथ गणित ही पढऩी है। इसलिए तो आपके संस्थान में प्रवेश लिया है। संस्थान- यह संभव नहीं है, मध्यप्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हुई है उसके अनुसार यह संभव नहीं है। छात्र का जवाब- सर मुझे आपके संस्थान में प्रवेश नहीं लेना है। मैं दूसरे संस्थान में प्रवेश ले लूंगा।


दरअसल, उत्कृष्टता संस्थान में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के कारण पांच स्नातक कोर्स के बंद होने का संकट मंडराने लगा है। यह तभी चलेंगे जब उसके मुख्य विषय के संकाय से जुड़ा ही विषय माइनर विषय के रूप में पढ़ाया जा सकेगा। इसलिए विद्यार्थियों को स्नातक कोर्स में प्रवेश देने के बाद अब उनसे विषय परिवर्तन करने के लिए संपर्क किया जा रहा है। ऐसे में कई छात्र परेशान हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों को भी उनके अनुसार विषय अध्ययन-अध्यापन का अवसर देती है। लेकिन मध्यप्रदेश में इसके नाम पर उच्च शैक्षणिक संस्थानों के अवसर खत्म किए जा रहे हैं। यहां तक स्वशासी महाविद्यालय सहित प्रदेश के एक मात्र उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान को भी अपने अनुसार पाठ्यक्रम संचालित करने की आजादी नहीं दी गई है। वही हो रहा है जैसा उ"ा शिक्षा विभाग तय कर रहा है।

इस तरह डिजाइन किए गए कोर्स


उत्कृष्टता संस्थान में स्नातक स्तर पर ऑनर्स कोर्स ही संचालित किए जाते हैं। इसलिए जिस विषय में ऑनर्स करना है उसे मुख्य विषय और उसके साथ दूसरा विषय सहायक विषय के रूप में पढ़ाने की व्यवस्था है। सहायक विषय के रूप में ऐसा विषय पढऩे की व्यवस्था की गई जिससे उसे भविष्य में रोजगार और हायर स्टडी में लाभकारी हो। उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान के पूर्व डॉ. एमएल नाथ कहते हैं कि विद्यार्थियों के भविष्य और मार्केट की डिमांड के आधार पर कोर्स डिजाइन किए गए। इस पर उच्च शिक्षा विभाग को अन्य महाविद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए बनाए गए नियम समान्यरूप से लागू नहीं करने चाहिए।


प्रवेश देने के बाद लगी पाबंदी
1- पिछले सत्र तक बीएससी भूगोल (ऑनर्स) के साथ गणित की पढ़ाई कर सकते थे, इस बार एेसा नहीं हो रहा। गणित के साथ कला संकाय से विषय चुनना होगा। यानी भूगोल में बीएससी नहीं, बीए होगा।
2- बीए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) के साथ गणित पढऩे के लिए दाखिला दिया। लेकिन अब अर्थशास्त्र के साथ गणित पर पाबंदी लगा दी।
३- बीए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) के साथ मैनेजमेंट पढ़ाई करने में विद्यार्थियों ने रुचि दिखाई। लेकिन अब अर्थशास्त्र के साथ मैनजमेंट के स्थान पर कोई अन्य विषय लेने के लिए कहा जा रहा है।
4- बीएससी रसायन (ऑनर्स) के साथ विद्यार्थियों ने फूड साइंस एंड क्वालिटी कंट्रोल विषय लेकर स्नातक करना पसंद किया, लेकिन अब एेसा नहीं कर सकते।
5- बीए फैशन डिजाइन (ऑनर्स) के साथ प्रबंधन पढऩे के लिए प्रवेश लिया। अब उनसे कहा जा रहा है कि प्रबंधन की पढ़ाई नहीं कर सकते।

इस संबंध में आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। यह कोर्स नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा को पूरा करते हैं। इनमें पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे संस्थानों में इंटर्नशिपत और रोजगार के अवसर भी मिले है। इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही इस स्तर पर निर्णय लिया जा रहा है।
डॉ. प्रज्ञेश अग्रवाल, डायरेक्टर, उत्कृष्टता संस्थान


इस संबंध में संस्थान की ओर से जानकारी प्राप्त हुई है। भूगोल को विज्ञान संकाय में शामिल नहीं किया जा सका। इसलिए यह स्थिति निर्मित हुई है। इसके अलावा अन्य पाठ्यक्रमों के संबंध में भी सोमवार को निर्णय लिया जाएगा।
दीपक सिंह, आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग



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