बीमारी का खौफनाक सच- चपेट में आया हर दसवां आदमी
भोपाल. मध्यप्रदेश में कैंसर का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. हाल ये है कि प्रदेश में 75 वर्ष की उम्र तक करीब 10 प्रतिशत पुरुष और 12 प्रतिशत महिलाओं के कैंसरग्रस्त होने की आशंका है. ICMR के नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज इन्फॉर्मेशन एंड रिसर्च की रिपोर्ट में यह खौफनाक खुलासा हुआ है.
इस रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में एक लाख की आबादी पर हर साल कैंसर के औसतन 1789 नए मामले सामने आ रहे हैं. इनमें 897 केस महिलाओं के हैं और 892 केस पुरुषों के हैं. रिपोर्ट के अनुसार मप्र में अगले चार साल में करीब 10 हजार कैंसर रोगी बढ़ जाएंगे.
मध्यप्रदेश में वर्तमान में कैंसर रोगियों की संख्या करीब 77 हजार है. आईसीएमआर की रिपोर्ट बताती है कि सन 2025 तक इसके बढ़कर 88 हजार के पार पहुंच जाने की आशंका है. यह इसलिए ज्यादा खतरनाक है क्योंकि प्रदेश में गिनी—चुनी जगहों पर ही केंसर के इलाज की सुविधा है.
प्रदेश में भोपाल के एम्स और जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर व गांधी मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर के कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कैंसर का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा कुछ निजी अस्पतालों में भी इलाज होता है पर यह बहुत महंगा होता है.
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प्रदेश में पुरुषों को सर्वाधिक मुंह, फेफड़े और जीभ का कैंसर है, जबकि महिलाओं में स्तन के बाद सर्वाधिक केस गर्भाशय ग्रीवा और ओवरी कैंसर के हैं. प्रदेश के पुरुषों में करीब 55 फीसदी रोगी तंबाकू से जुड़े उत्पादों का सेवन करने से केंसर ग्रस्त हुए हैं. गुटखा, खैनी, बीड़ी सिगरेट, के साथ ही शराबखोरी के कारण भी कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं.
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