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शरद पूर्णिमा: चंद्रमा की रोशनी में भगवान का नौका विहार

भोपाल. राजधानी के मंदिरों में बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि भक्ति का उत्साह नजर आ रहा था। कहीं भजन कीर्तन चल रहे थे, तो कहीं बच्चे राधा कृष्ण के वेष में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे थे। मंदिरों के बाहर, रहवासी कॉलोनियों के मैदानों, घरों की छतों पर खुले आसमान के नीचे दूध उबल रहा था और सभी कलाओं से युक्त चंद्रमा की दूधिया किरणे उस दूध में छलक रही थी। मौका था शरदोत्सव का, शरद पूर्णिमा के मौके पर शहर में जगह-जगह आयोजन हुए। मान्यता के अनुसार इस दिन चंद्रमा दूध में अमृत की वर्षा करता है। इस अमृतरूपी प्रसाद के लिए शहर में जगह-जगह खुले आसमान में दूध उबालकर खीर बनाई गई।

शहर में मध्यरात्रि के बाद तक मंदिरों के पट खुले रहे और अनेक धार्मिक आयोजनों का सिलसिला चलता रहा, वहीं रात्रि में दर्शन करने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। शहर के गुफा मंदिर, बिड़ला मंदिर श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर घोड़ा नक्कास, माता मंदिर, साई मंदिर शास्त्री नगर सहित अन्य मंदिरों में भगवान का अभिषेक, शृंगार हुआ एवं प्रसाद वितरण किया गया।

फूलों से सजी नाव में भगवान का नौका विहार
शीतलदास की बगिया में भगवान को नौका विहार कराया गया। हिन्दू उत्सव समिति की ओर से चल समारोह निकाला गया। यहां राधाकृष्ण को नौका विहार कराया गया। बड़वाले महादेव मंदिर समिति की ओर से भी श्रद्धालु मां भवानी और भगवान वटेश्वर की प्रतिमाएं लेकर शीतलदास की बगिया पहुंचे।

शहर के 500 से अधिक मंदिरों में बनाई खीर
शहरभर में डेढ़ लाख लीटर दूध की खीर का लगा भगवान को भोग
भोपाल. शरद पूर्णिमा पर भगवान राधा कृष्ण को दूध की खीर का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सभी कलाओं से युक्त चंद्रदेव अमृतवर्षा करते हैं। इसलिए दूध से खीर बनाकर चंद्रमा की दुधिया रोशनी में ठंडी की जाती है।

शरद पूर्णिमा पर इस बार शहर में तकरीबन डेढ़ लाख लीटर दूध की खीर जगह-जगह बनाई गई। शहर के 500 से अधिक मंदिरों में खीर बनाने के लिए सुबह से ही आयोजन शुरू हो गए थे। भगवान को खीर का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को वितरण किया गया। नवरात्र के लिए सजाए गए पंडाल स्थलों पर भी कई स्थानों पर समितियों की ओर से खीर बनाई गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।

सुबह-शाम दूध के लिए भटकते रहे लोग
शहर में शरद पूर्णिमा के कारण बुधवार को दूध की किल्लत नजर आई। सुबह से ही दूध की खपत बढ़ गई थी और कई पार्लरों पर दूध खत्म हो गया था, इसी प्रकार शाम को भी यहीं दिक्कत रही।

कहां कितने दूध की खीर बनी
शीतलदास की बगिया 2 क्विंटल
भवानी मंदिर सोमवारा 1 क्ंिवटल
गुफा मंदिर 1 क्ंिवटल
बड़वाले महादेव मंदिर 70 किलो
श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर 65 किलो
बांके बिहारी मंदिर तलैया 51 किलो



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