"100 रूपए करके 5-10 रूपए घटाना नहीं है पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में राहत" - राकेश टिकैत
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत केंद्र सरकार और उनकी नीतियों की आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। पिछले 11 महीने से सरकार के कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान टिकैत समयसमय पर पीएम मोदी, केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते रहे है। बुधवार शाम केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर ५ रुपये और डीज़ल पर १० रुपये एक्साइज़ ड्यूटी कम करने का ऐलान करते हुए इसे लागू कर दिया। इसके बाद कई राज्यों ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमत में कमी की। केंद्र सरकार के पेट्रोल-डीज़ल की कीमत घटाने के इस फैसले से जहां लोगों को कुछ राहत मिली है, वहीं कुछ लोग इस फैसले पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे है। इसी विषय पर टिकैत ने सरकार पर हुए कहा कि 100 रूपए करके 5-10 रूपए घटाना पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में राहत नहीं है।
कम से कम 60-65 रुपये तक कम हो
टिकट ने एक इंटरव्यू में कहा कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमत को थोड़ा और नीचे लाना चाहिए। टिकैत ने सरकार के पेट्रोल-डीज़ल पर से क्रमशः 5 और 10 रुपये की एक्साइज़ ड्यूटी घटने की तुलना अस्पताल में ऑक्सीजन देने और मरीज से साइन करवाने से की और कहा कि यह तो ऐसा है जैसे सिर्फ 3 दिन ही मेहमान है । टिकैत ने आगे कहा कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमत कम से कम 60-65 रुपये तक नेपाल के बराबर कर देनी चाहिए।
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आगामी चुनावों को बताया पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में कटौती का कारण
टिकैत ने अपने इंटरव्यू में पेट्रोल-डीज़ल में कटौती का कारण अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले विधानसभा चुनावों को बताया। टिकैत ने कहा, "“आगामी चुनाव इसका कारण हैं। ये बढ़ा-बढ़ाकर राहत दे रहे हैं और कह रहे हैं कि देखो दीपावली पर हमने तोहफा दिया।”
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