कोरोना संक्रमित मां ने ट्रेन में दिया प्री मैच्योर जुड़वां बच्चों को जन्म
भोपाल. कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान महू की रहने वाली पवित्रा को प्रसव के लिए भोपाल रेफर किया गया था। लेकिन पवित्रा ने ट्रेन में जुडवां बच्चों को जन्म दिया। दोनों बच्चे प्री मैच्योर थे, जिनका वजन 900 और 950 ग्राम ही था।
गंभीर स्थिति में दोनों बच्चों को हमीदिया अस्पताल में लाया गया। दोनों बच्चों को आइसीयू में एडमिट किया गया। जहां करीब डेढ़ महीने तक चले इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया। हमीदिया की पीडियाट्रिक विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव का कहना है कि समय पर मिले विशेषज्ञ उपचार से दोनों बच्चों को न केवल बचाया गया बल्कि दोनों अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। प्री-मैच्योर बर्थ में नवजात को सेहत से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। एेसे बच्चों की बेहतर चिकित्सीय देखभाल की जरूरत होती है।
प्री मैच्योर बच्चे ऐसे रखें खयाल
-ऐसे बच्चे को संकमण से बचाएं, उनकी इम्यूनिटी कमजोर होने से वे जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
-शिशु के कमरे की सफाई का ध्यान रखें। ज्यादा लोग न छूएं।
-धूम्रपान वाली जगह पर शिशु को न ले जाएं, इससे नवजात को सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।
-शिशु अधिक गर्मी व ठंड से सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं। ठंड से बचाने के लिए बच्चे को ज्यादा से ज्यादा समय अपनी गोद में रखें।
17 नवंबर को मनाया जाता है दिवस
प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को विश्व प्री मैच्योरिटी डे मनाया जाता है ताकि दुनिया भर में समय से पूर्व जन्मे बच्चों और उनके परिवारों की चिंताओं के बारे में जागरुकता बढ़ाई जा सके।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3clOVVt
via
No comments