ई-ऑफिस में सावधानी बरतने की नसीहत, ऑफ लाइन ही रहें गोपनीय फाइलें और दस्तावेज
भोपाल। राज्य मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने से साथ ही पेपर लैस वर्किंग पर जोर दिया जा रहा है। प्रयास है कि ज्यादातर काम ऑनलाइन ही हो। फाइल को एक कक्ष से दूसरे कक्ष तक ले जाने की जरूरत न पड़े। यानी फाइल ऑनलाइन ही चले। इसकी मॉनीटरिंग भी ऑनलाइन ही हो। मंत्रालय में फाइल मूवमेंट तो ऑनलाइन है लेकिन अभी भी कई कार्य ऑफ लाइन चल रहे हैं। इसी दिशा में काम हो रहा है। हालांकि इस बीच केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र ने गाइडलाइन भेजी है। इसमें कहा गया है कि गोपनीय और अति गोपनीय दस्तावेजों को ऑफ लाइन ही प्रस्तुत किया जाए।
राष्ट्रीय सूचना केन्द्र की वरिष्ठ तकनीकी निदेशक सुचिता काक के हस्ताक्षर से जारी पत्र में ई-ऑफिस काम-काज के दौरान सुरक्षा पर फोकस किया गया है। इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रोनिक फाइलों पर डिजिटल सिग्नेचर टोकन या ई-साइन का उपयोग किया जाना चाहिए। गोपनीय और अति गोपनीय दस्तावेजोंं को केवल भौतिक रूप से ही प्रस्तुत किया जाए। केवल सुरक्षित नेटवर्क जैसे एनआईसीनेट या स्वान के माध्यम से ही ई-ऑफिस वेब एप्लीकेशन का उपयोग किया जाना चाहिए। प्राइवेट नेटवर्क पर ई-ऑफिस वेब एप्लीकेशन तक पहुंचने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का उपयोग किया जाना चाहिए। केन्द्र की इस गाइडलाइन के राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों, कलेक्टर, कमिश्नर को भेजते हुए इसका सख्ती से पालन करने को कहा है।
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