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गृहमंत्री का बड़ा बयान, भारत को बदनाम करने वाले को एमपी में नहीं मिलेगी एंट्री

 

भोपाल। अमेरिका में भारत के कॉमेडियन वीरदास को भारत विरोधी कविता पढ़ना महंगा पड़ गया है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने गुरुवार को कहा है कि जब तक वे खेद व्यक्त नहीं करेंगे, प्रदेश में उनका कोई कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र (dr narottam mishra) ने गुरुवार को कहा है कि भारत को बदनाम करने वाले कॉमेडियन वीर दास को मध्यप्रदेश में एंट्री नहीं मिलेगी, उसके किसी भी कार्यक्रम को नहीं होने दिया जाएगा। गौरतलब है कि वीर दास ने हाल ही में अमेरिका में एक शो में कुछ पंक्तियां पढ़ीं थी, जिसके बाद वे कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर वीरदास को ट्रोल कर रहे हैं और देश से माफी मांगने को कह रहे हैं।

 

राहुल और कमलनाथ पर भी साधा निशाना

कुछ विदुषक लोग इस तरह के हैं, जो भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं और कुछ इनके समर्थक हैं, कपिल सिब्बल और कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने इनका समर्थन किया है। जहां भी भारत की बदनाम होने की आती है, एक राहुल गांधी हैं, जो विदेशों में जाकर भारत को बदनाम करते हैं, एक कमलनाथजी हैं, जो भारत को बदनाम करने की बात करते हैं। इस तरह के लोग हैं, यह विदुषक है, इसके मध्यप्रदेश में कार्यक्रम ही नहीं होने देंगे।

 

वायरल हो रहा वीडियो

वीरदास ने वाशिंगटन डीसी (washington dc) के जान एफ कैनेडी सेंटर फार द परफार्मिंग आर्ट्स में एक स्टैंडअप शो किया था। जिसमें उन्होंने जो कविता पढ़ी, उसके बाद यह बवाल मचा है। उनका वीडियो भी वायरल हो रहा है।

 

ये है वीर दास की कवि‍ता:

उन्होंने अंग्रेजी में कविता पढ़ी थी, आप को हम उसका हिन्दी में अनुवाद कर बता रहे हैं। वीरदास ने कहा था कि मैं दो भारत से आता हूं। विवाद के बाद कई प्रदेशों में उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।

  • मैं एक उस भारत से आता हूं, जहां बच्चे एक दूसरे का हाथ भी मास्क पहन कर पकड़ते हैं, लेकिन नेता बिना मास्क एक-दूसरे को गले लगाते हैं।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां एक्यूआइ 9000 है, लेकिन हम फिर भी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में उनका गैंगरेप हो जाता है।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम ट्विटर पर बॉलीवुड को लेकर बंट जाते हैं, लेकिन थियेटर के अंधेरों में बॉलीवुड के कारण एक होते हैं।
  • मैं एक ऐसे भारत से आता हूं, जहां पत्रकारिता ख़त्म हो चुकी है, मगर पत्रकार एक दूसरे की वाहवाही कर रहे हैं, और महिला पत्रकार सड़कों पर लैपटॉप लिए बैठी हैं, सच्चाई बता रही हैं।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां हमारी हंसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के बाहर तक आप सुन सकते हैं।
  • और मैं उस भारत से भी आता हूं, जहां कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ दी जाती हैं, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज़ आती है।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां बड़ी जनसंख्या 30 साल से कम उम्र की है लेकिन हम 75 साल के नेताओं के 150 साल पुराने आइडिया सुनना बंद नहीं करते।
  • मैं ऐसे भारत से आता हूं, जहां हमें पीएम से जुड़ी हर सूचना दी जाती है लेकिन हमें पीएमकेयर्स की कोई सूचना नहीं मिलती।
  • मैं ऐसे भारत से आता हूं, जहां औरतें साड़ी और स्नीकर पहनती हैं और इसके बाद भी उन्हें एक बुज़ुर्ग से सलाह लेनी पड़ती है, जिसने जीवनभर साड़ी नहीं पहनी।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम शाकाहारी होने में गर्व महसूस करते हैं लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्जी उगाते हैं।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां सैनिकों को हम पूरा समर्थन देते हैं तब तक, जब तक उनकी पेंशन पर बात न की जाए।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जो चुप नहीं बैठेगा।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जो बोलेगा भी नहीं।
  • मैं उस भारत से आता हूं जो मुझे हमारी बुराइयों पर बात करने के लिए कोसेगा।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जहां लोग अपनी कमियों पर खुल कर बात करते हैं।
  • मैं उस भारत से आता हूं, जो ये देखेगा और कहेगा ‘ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहाँ है?’
  • और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो ये देखेगा और जानेगा कि ये जोक ही है। बस मज़ाकिया नहीं है।


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