मेट्रो स्टेशन का भूमिपूजन करेंगे CM, शहर के इन 8 जगहों पर बनेंगे स्टेशन, देेखें लिस्ट
भोपाल। राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव-2023 के पहले मेट्रो चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान 19 नवंबर को भोपाल और 26 नवंबर को इंदौर में मेट्रो डिपो का भूमिपूजन करेंगे। इसमें सितंबर 2023 के पहले काम पूरा करने का लक्ष्य है। दरअसल, राजधानी भोपाल में मेट्रो के लिए पहले रूट पर 2018 में एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 किमी लाइन पर काम शुरू हुआ था। तब, कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी और प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2019 में कमलनाथ ने किया था। अब शिवराज सरकार इसे 2023 तक पूरा करके संचालित करना चाहती है।
मेट्रो का पहला रूट करीब 421 करोड़ रुपए का बनेगा। कुल प्रोजेक्ट की लागत करीब छह हजार करोड़ है। पहला रूट एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 किमी रहेगा। इसमें एम्स के गेट नंबर 3 के पास मेट्रो डिपो निर्माण के लिए सीएम शिवराज भूमिपूजन करेंगे। वहीं इंदौर शहर में सीएम 26 नवंबर को मेट्रो कॉरिडोर व डिपो निर्माण का भूमिपूजन करेंगे। यहां सुपर कॉरिडोर के दोनों ओर निर्माण होना है। इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 7500 करोड़ है। पहले चरण में एयरपोर्ट से लेकर रोबोट चौराहे तक काम निर्माण कार्य चल रहा है।
यहां बनेंगे स्टेशन
एम्स से सुभाष नगर अंडरब्रिज तक जो आठ स्टेशन बनने हैं। उनमें एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, हबीबगंज स्टेशन, डीबी सिटी, एमपी नगर जोन-1, आयकर भवन और सुभाष नगर अंडरब्रिज शामिल हैं। दो साल में यह स्टेशन बनाने का टारगेट रखा गया है। मेट्रो ट्रेन के स्टेशन 100 मीटर लंबे और कम से कम 14 मीटर चौड़े होंगे। हबीबगंज रेलवे स्टेशन और डीबी सिटी जैसे चहल-पहल वाले स्थानों पर फुटओवर ब्रिज (एफओबी) भी बनाए जाएंगे। वहीं, सुभाष नगर आरओबी के पास डिपो बनाया जा रहा है। यहां पर एक साथ 4 मेट्रो ट्रेन खड़ी की जा सकेगी।
हर पांच मिनट के अंतराल पर मिलेगी ट्रेन
पहले चरण में मेट्रो पर 6941 करोड़ 40 लाख का खर्च आएगा। भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में एलीवेटेड सेक्शन 26.08 किलोमीटर का है। अंडरग्राउंड सेक्शन 1.79 किलोमीटर का होगा जिसमें 2 स्टेशन होंगे। ये कुल 27.87 किलोमीटर की लाइन होगी। इसमें कुल 28 स्टेशन बनेंगे। मेट्रो ट्रेन स्टेशन पर यात्रियों को हर पांच मिनट के अंतराल पर ट्रेन मिलेगी। हर स्टेशन पर इसका 30 सेकंड का स्टॉप होगा। एम्स से आजाद नगर तक अभी मेट्रं ट्रैक के लिए 164 पीलर बनाए गए हैं 2016 में तैयार हुई मेट्रो डीपीआर कं 2018 में कैबिनेट की मंजूरी मिली इसके बाद निर्माण एजेंसी तय हुई।
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